अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट ने फिर खोला मोर्चा, तीन मांगों पर अड़े, 5 प्वाइंट में समझिए
Gehlot Pilot Difference: सचिन पायलट और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि सचिन पायलट ने अपनी तीन मांगों को लेकर गहलोत सरकार अल्टीमेटम दिया था। वह खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि हम इंतजार कर रहे हैं कि राजस्थान सरकार क्या कार्रवाई करती है।
सचिन पायलट अपनी मांगों पर अड़े
Gehlot Pilot Difference: सचिन पायलट(Sachin Pilot) ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार को तीन मांगों को लेकर दिया गया अल्टीमेटम बुधवार को समाप्त हो गया। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गहलोत के खिलाफ फिर मोर्चा खोलते हुए कहा कि मैं उन वादों से पीछे नहीं हट रहा हूं जो उन्होंने सार्वजनिक रूप से लोगों से किए थे। अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक में पत्रकारों से बात करते हुए पायलट ने बुधवार को गहलोत के पाले में गेंद डाल दी। लगता है उनकी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात कामयाब नहीं हो पाई। यानी राजस्थान कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच सुलह नहीं हो पाई। मामले को विस्तार से पांच प्वाइंट में समझिए।
- कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों सहित अपनी मांगों से पीछे हटने से बुधवार को इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने जिन मुद्दों को उठाया था, उनसे समझौता करने की कोई संभावना नहीं है। पायलट ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों पर कार्रवाई करने का जो 'अल्टीमेटम' दिया था वह आज खत्म हो रहा है और वह इंतजार कर रहे हैं कि राजस्थान सरकार क्या कार्रवाई करती है।
- पायलट ने टोंक में मीडिया से कहा कि मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि मैंने जो मुद्दे उठाए थे, खासकर भ्रष्टाचार के मुद्दे। पिछले बीजेपी शासन में भारी भ्रष्टाचार और लूट मची थी उस पर कार्रवाई करनी होगी। जहां तक युवाओं को न्याय दिलाने की बात है, मैं समझता हूं कि इसमें किसी तरह के समझौते की कोई संभावना नहीं है।
- उन्होंने कहा कि मैंने 15 मई को कहा था कि राज्य सरकार बीजेपी शासन के भ्रष्टाचार और नौजवानों के मुद्दों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करे। आज महीने की आखिरी तारीख है, इसलिए, मैं इंतजार कर रहा हूं। उन्होंने (आलाकमान) कहा था कि कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। इसलिए देखते हैं कि कल क्या होता है। हाल ही में अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष यात्रा निकालने वाले पायलट ने मई के अंत तक उनकी मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
- पायलट ने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता और सार्वजनिक रूप से युवाओं को दिए गए आश्वासन निराधार बातें नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) में कई पद खाली पडे़ है और कुछ नियुक्तियां ऐसी है जो मैं समझता हूं बेहतर हो सकती है, इसलिये आयोग की बेहतरी के लिये उसकी कार्य शैली में मूलचूक परिवर्तन लाना और नियुक्तियों में मापदंड तय होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग लेने वाले और किराए के मकान में रहने वाले युवाओं को प्रश्नपत्र लीक होने का खामियाजा भुगतना पड़ता है, ऐसे में उन्हें आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए।
- पायलट ने कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत का जिक्र करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि डबल इंजन अब सीज होना चालू हो गया हैं। पायलट ने हाल में सरकार के सामने तीन मांगें रखी थीं जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का पुनर्गठन, प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है।
गौर हो कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच के विवाद को सुलझाने के प्रयास के तहत पार्टी नेतृत्व ने नेताओं के साथ सोमवार को नई दिल्ली में बैठक की थी। सूत्रों का दावा है कि पार्टी ने राज्य के दोनों नेताओं के लिए एक साथ काम करने और एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फॉर्मूला तैयार किया है।
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