सचिन पायलट और गहलोत के बीच बढ़ रही है तल्खी ! क्या 2020 जैसे बन रहे हैं हालात
Sachin Pilot And Ashok Gehlot Tussle: राजस्थान में कांग्रेस के सामने एक बार फिर साल 2020 जैसा संकट खड़ा हो सकता है। जब सचिन पायलट खुलकर गहलोत के खिलाफ खड़े हो गए थे। और ऐसा लग रहा था कि राजस्थान में गहलोत सरकार गिर जाएगी।
सचिन पायलट और अशोक गहलोत फिर आमने-सामने !
Sachin Pilot And Ashok Gehlot Tussle: राजस्थान में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेस के दो दिग्गजों के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खुल कर एक-दूसरे के सामने आ गए हैं। कोई किसी को कोरोना कह रहा है तो कोई सीधे अपनी ही सरकार पर निशाना साध रहा है। ऐसे में लगता है कि राजस्थान में कांग्रेस के सामने एक बार फिर साल 2020 जैसा संकट खड़ा हो सकता है। जब सचिन पायलट खुलकर गहलोत के खिलाफ खड़े हो गए थे। और ऐसा लग रहा था कि राजस्थान में गहलोत सरकार गिर जाएगी। लेकिन गहलोत और आलाकमान की वजह से दोनों के बीच मामला संभल गया था। लेकिन पिछले एक हफ्ते से जिस तरह दोनों नेता बयानबाजी कर रहे हैं, उससे लगता है कि मामला आने वाले दिनों में तल्खी बढ़ेगी।
गहलोत ने पायलट की तुलना कोरोना से की
हाल ही में राजस्थान में अशोक गहलोत और उनके धुर विरोधी सचिन पायलट की सत्ता की लड़ाई के बीच, एक वीडियो सामने आया है जिसमें मुख्यमंत्री कथित तौर पर कह रहे हैं कि महामारी के बाद पार्टी में बड़ा कोरोना आ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत ने कथित तौर पर पायलट की तुलना कोरोना वायरस से की है।गहलोत ने बैठक के दौरान बिना किसी का नाम लिए कहा कि मैंने मिलना शुरू किया है । पहले कोरोना आया। हमारी पार्टी में भी एक बड़ा कोरोना घुस गया।
वहीं पायलट ने राज्य में पर्चा लीक मामले को लेकर गहलोत सरकार पर फिर से निशाना साधा। इसके साथ ही पायलट गुट के नेताओं ने खुलकर मुख्यमंत्री के रूप में उनकी ताजपोशी की मांग कर डाली है। झुंझुनूं के गुढ़ा में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पायलट ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बजाय सेवानिवृत्त नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। वहीं पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री गुढा ने पायलट के समर्थन में कहा कि हर कोई पूछ रहा है कि पायलट कब मुख्यमंत्री बनेंगे। लोग इंतजार कर रहे हैं।
2020 में पायलट ने कर दी थी बगावत
इस बीच जमीन पर पकड़ मजबूत करने और शक्ति प्रदर्शन के लिए सचिन पायलट ने 16-20 जनवरी के बीच नागौर,हनुमानगढ़, झुनझुनू,पाली और जयपुर में रैलियां की हैं। जिसमें वह साफ तौर पर यह जताने की कोशिश करते रहे हैं कि राजस्थान में वहीं असली चेहरा है और उन्हें अब राज्य में पार्टी की कमान मिलनी चाहिए। पायलट इसके पहले साल 2020 में भी करीब-करीब पार्टी से अलग होने की राह पर चल पड़े थे। लेकिन राहुल-प्रियंका के दखल के बाद, वह एक और मौके के लिए रूक गए। हालांकि अभी तक उन्हें आलाकमान से आश्वासन के अलावा कोई मौका नहीं मिला है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author
करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रि...और देखें
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