पदयात्रा पर सचिन पायलट, क्या अशोक गहलोत को चुनौती देने में होंगे कामयाब

Sachin Pilot Padyatra: देश की सियासत में पदयात्राओं का अपना अलग महत्व रहा है। हाल ही में राहुल गांधी ने पदयात्रा के जरिए भारत जोड़ने की मुहिम चलाई थी। लेकिन राजस्थान में सचिन पायलट की पदयात्रा को अशोक गहलोत के खिलाफ मुखालफत के तौर पर देखा जा रहा है।

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पदयात्रा पर सचिन पायलट

मुख्य बातें
  • अजमेर से सचिन पायलट की पदयात्रा
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम
  • अशोक गहलोत कस चुके हैं तंज

Sachin Pilot Padyatra: अपने ऐलान के मुताबिक सचिन पायलट अजमेर से पदयात्रा का आगाज करने वाले हैं, पदयात्रा का मकसद का वो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बता रहे हैं। लेकिन जानकारों के मुताबिक निशाना पहले की तरह अशोक गहलोत(Ashok Gehlot) हैं। अभी हाल ही में बाड़मेर में पायलट ने कहा था कि जिस भ्रष्टाचार का जिक्र कर, जिस बीजेपी के 40 फीसद कमीशन को जोरशोर से उछाल कर हम कर्नाटक में मुहिम चला रहे हैं उस मुहिम को चलाने से राजस्थान में क्यों कतरा रहे हैं। हमें याद होना चाहिए कि 2018 के विधानसभा चुनाव(Rajasthan Assembly Elections 2023) में हमने क्या कहा था। जनता के बीच वसुंधरा राजे सिंधिया के भ्रष्टाचार का मुद्दा हमारे लिए सबसे ऊपर था तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि यह मुद्दा हमारी सरकार के एजेंडे से बाहर हो गया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि एक तरफ तो हम करप्शन के खिलाफ बड़ी बड़ी बातें कर रहे हैं। लेकिन जब उसके खिलाफ कार्रवाई की बात आती है तो चुप्पी साध लेते हैं। इस तरह के बयान के जरिए सचिन पायलट ने चुनावी साल में गहलोत को कठघरे में खड़ा किया। लेकिन अशोक गहलोत को राजनीति का कच्चा खिलाड़ी नहीं माना जाता है।

अशोक गहलोत और 2020 का प्रसंग

हाल ही में गहलोत ने 2020 के प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा कि जब उनकी सरकार संकट में थी तो वसुंधरा राजे सिंधिया(Vasundhara Raje Scindia) ने मदद पहुंचाई थी। वो विधायक जिन्होंने बीजेपी से पैसे लिए थे उन्हें हम लौटाने के लिए तैयार हैं। इस बयान के जरिए गहलोत ना सिर्फ सिंधिया को निशाना बना रहे थे बल्कि सचिन पायलट के बारे में भी यह संदेश दे रहे थे कि किस तरह से बीजेपी की मदद से सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी। इसके साथ ही वो बीजेपी में सिंधिया के महत्व को कम करने का प्रयास भी कर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक गहलोत को यह लगता है कि राजस्थान में बीजेपी का मतलब सिर्फ वसुंधरा राजे सिंधिया हैं , उनके खिलाफ मुहिम के लिए सचिन पायलट का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ ही वो सचिन पायलट के बारे में भी यह संदेशा देना चाहते हैं कि 2022 में जो विधायक बगावत पर उतरे उसके लिए इन्होंने बीजेपी की मदद से फंड का इस्तेमाल किया। अब ऐसे में इस तरह का कोई शख्स सरकार और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ सवाल कैसे उठा सकता है।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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