नई पार्टी बनाए तो किसकी मुश्किलें बढ़ाएंगे पायलट, राजस्थान की इन 40 सीटों पर रखते हैं दबदबा
Sachin Pilot: राजस्थान में भी आमतौर पर सरकार बदलने का ट्रेंड रहा है। लेकिन 2023 का चुनाव थोड़ा सा अलग रह सकता है। कांग्रेस के बागी सचिन पायलट अपने लिए अब निर्णायक रूप से अलग रास्ता तलाश रहे हैं।
सचिन पायलट, कांग्रेस के बागी नेता
Sachin Pilot: राजस्थान की सियासत में वैसे तो बीजेपी और कांग्रेस का दबदबा है। लेकिन यह मुमकिन है कि आने वाले दिनों में कोई एक और राजनैतिक दल जमीन पर नजर आए। कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट अब किसी तरह के सुलह के मूड में नहीं हैं और इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में वो किसी दल का ऐलान करें। अब यदि ऐसा होता है कि नंबर की गणित में बीजेपी (BJP)और कांग्रेस(Congress) दोनों को नुकसान हो सकता है। सचिन पायलट कितनी सीटों पर असर रखते हैं उससे पहले राजस्थान विधानसभा(Rajasthan assembly elections 2023) की गणित को समझना जरूरी है। राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, सरकार बनाने के लिए 101 के जादुई संख्या की जरूरत है। अगर कोई भी एक दल इस नंबर को हासिल कर पाने में कामयाब होता है तो राजस्थान को स्थिर सरकार मिलेगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो त्रिशंकु सरकार बनने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, वैसी सूरत में कोई ना कोई किंगमेकर की भूमिका में होगा।
सचिन पायलट का इन जिलों में असर
जयपुर, अजमेर, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, झालावाड़, टोंक,बूंदी, भरतपुर, अलवर, दौसा, कोटा झुंझनूं, करौली में जिलों में फैली कुल चालीस ऐसी सीटें हैं जहां वो दखल रखते हैं। इन सभी सीटों पर गुर्जर समाज का दबदबा है, सचिन पायलट खुद उसी समाज से आते हैं। गुर्जर समाज, बीजेपी के लिए कितना महत्वपूर्ण है आप इस बात से समझ सकते हैं कि जनवरी के महीने में भीलवाड़ा में इस समाज के आराध्य देव देव नारायण जी की जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी खुद आए थे और भावनात्म रिश्ता बनाने के लिए कहा था कि वो पीएम की हैसियत से नहीं बल्कि एक भक्त की तरह आए हैं। ऐसे में आप सचिन पायलट द्वारा अलग दल बनाए जाने की सूरत में बीजेपी की परेशानी समझ सकते हैं।राजनीति के जानकार बताते हैं कि सचिन पायलट के मैदान में आने की वजह से ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि बीजेपी को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अगर बात पूर्वी राजस्थान की करें तो सचिन पायलट दोनों दलों के लिए मुश्किल पेश करेंगे। किसी भी एक दल की जीत इतनी आसान नहीं होगी। यहां पर तीन तरह की तस्वीर बन सकती है।
पहली तस्वीर
कोई भी एक दल चाहे वो कांग्रेस या बीजेपी या सचिन पायलट का धड़ा अगर एकतरफा 101 सीट हासिल करने में कामयाब होता है कि राजस्थान की गद्दी उसके हाथ होगी
दूसरी तस्वीर
यदि यह मान लिया जाए कि सचिन पायलट अपने प्रभाव वाली सभी 40 सीटों को जीतने में कामयाब होते हैं तो सिर्फ 160 सीटें ही कांग्रेस और बीजेपी के खाते में आएगी। अगर यह मान लिया जाए कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 80-80 सीटें मिलती हैं तो सचिन पायलट किंगमेकर की भूमिका में होंगे।
तीसरी तस्वीर
अगर त्रिशंकु विधानसभा सामने आती है तो यहां सवाल तीन हैं क्या कांग्रेस सचिन पायलट का समर्थन करेगी। क्या सचिन पायलट, बीजेपी का समर्थन करेंगे या बीजेपी सचिन पायलट का समर्थन करेगी।
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