#SafeHer:महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में कई कानून, केंद्र सरकार की पहल से मिली मजबूती
गृह मंत्रालय ने देश में महिलाओं की सुरक्षा के नियमों को शक्तिशाली करने के लिए 28 मई, 2018 को एक नया महिला सुरक्षा प्रभाग स्थापित किया था। इसका लक्ष्य जल्द न्याय और प्रभावी प्रशासन के माध्यम से और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करके उनमें सुरक्षा की अधिक भावना उत्पन्न करना था।
महिला सुरक्षा
#SafeHer: देश में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा एक अहम मुद्दा है। कोलकाता जैसी हाल की घटना ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज के युग में महिलाओं की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और यह एक गंभीर मुद्दा है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार लगातार सक्रिय रही है। इसके लिए कई कानून बनाए गए हैं। समय-समय पर सुरक्षा के नियमों और और कड़ा किया जाता है ताकि अपराधी बच न सकें।
2018 में महिला सुरक्षा प्रभाग स्थापित
गृह मंत्रालय ने देश में महिलाओं की सुरक्षा के नियमों को शक्तिशाली करने के लिए 28 मई, 2018 को एक नया महिला सुरक्षा प्रभाग स्थापित किया था। इसका लक्ष्य जल्द न्याय और प्रभावी प्रशासन के माध्यम से और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करके उनमें सुरक्षा की अधिक भावना उत्पन्न करना है। नए प्रभाग में राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता के लिए नीति निर्माण योजना समन्वय निर्माण और परियोजनाओं/योजनाओं को लागू करने के साथ-साथ जेल सुधार, मानव तस्करी विरोधी अभियान पर बल दिया गया। साथ-साथ आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी और टैकनोलॉजी का बढ़ा हुआ उपयोग और फोरेंसिक विज्ञान और अपराध और आपराधिक रिकॉर्ड के लिए एक ईको सिस्टम को सक्षम करना भी शामिल है।
#Safe Her: महिलाओं के खिलाफ हिंसा से कैसे निपटें, रहना होगा सावधान और जागरूक
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की पहल
इसी तरह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय महिलाओं से संबंधित विभिन्न विशेष कानूनों का संचालन कर रहा है जैसे घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2005, दहेज निषेध अधिनियम 1961, महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013, और 'बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 जैसे कानून शामिल हैं।
भारत सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए निर्भया फंड फ्रेमवर्क के तहत एक निधि कोष की स्थापना भी की है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भी हिंसा प्रभावित महिलाओं के लिए 'वन स्टॉप सेंटर' की योजना, 'महिला हेल्पलाइन' की योजना और निर्भया फंड फ्रेमवर्क के तहत 'महिला पुलिस स्वयंसेवकों' की योजना सहित कई योजनाएं लागू कर रहा है।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा में आई तेजी, अपनी सुरक्षा के लिए जरूर अपनाएं ये सेफ्टी टिप्स
महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं
इसके अलावा मंत्रालय ने लिंग संबंधी असमानताओं को कम करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और योजनाएं भी शुरू की हैं। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करके बेहतर सक्षम वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) शुरू की गई है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और मानव संसाधन मंत्रालयों के समन्वित प्रयासों के साथ घटते बाल लिंग अनुपात (CSR) और लड़कियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम अपनाया गया है। इसी तरह उज्जवला योजना का लक्ष्य तस्करी की शिकार महिलाओं और बच्चों के बचाव, पुनर्वास और पुन: एकीकरण को बढ़ावा देना है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
Manipur Violence: विधायकों के घर जलाने के मामले में कार्रवाई, दो आरोपी और गिरफ्तार
महाराष्ट्र में महायुति की सरपट दौड़ी गाड़ी, अघाड़ी बनी पिछाड़ी, BJP की सुनामी में उड़ गया MVA
आज की ताजा खबर विधानसभा चुनाव परिणाम 2024, Upchunav Results हिंदी न्यूज़ लाइव: दिल्ली में कांस्टेबल की हत्या का आरोपी गिरफ्तार; नॉर्थ इंडिया में ठंड की दस्तक
Chhattisgarh News: कृषि मंत्री रामविचार नेताम हादसे का शिकार, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
सुप्रीम कोर्ट ने सील किए गए क्षेत्र के ASI सर्वेक्षण की याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद समिति से मांगा जवाब
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited