सुशील कुमार शिंदे की आत्मकथा में 'भगवा आतंकवाद' का जिक्र, 2013 में उठा था सियासी तूफान

शिंदे ने अपनी आत्मकथा के दूसरे अध्याय में भगवा आतंकवाद का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि 2013 कांग्रेस के जयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में उन्होंने भगवा आतंकवाद का जिक्र किया था लेकिन ये शब्द उन्होंने गृह-मंत्रालय के एक कॉन्फिडेंशियल फाइल में पढ़ा था।

Sushil Shinde

सुशील कुमार शिंदे की आत्मकथा

Sushil Kumar Shinde's autobiography: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे की किताब राजनीति में पाच दशक (Five Decades in Politics) की किताब का कल दिल्ली में विमोचन हुआ। इस कार्यक्रम में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, दिग्विजय सिंह और कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। शिंदे ने राजनीति में अपने पांच दशक के अनुभव, कांग्रेस पार्टी में उनकी भूमिका, बयानों पर विवाद और 2008 में कैसे वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की रेस में अपने ही नेताओं की साजिश के कारण पिछड़ गए जैसी बातों का जिक्र किया है। इन तमाम बातों के बीच शिंदे ने 2013 में दिए अपने उस बयान का भी जिक्र किया है जिसके बाद कांग्रेस पर ये आरोप लगा कि वह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में हिंदुओं को आतंकी कह रही है।

भगवा आतंकवाद का जिक्र

शिंदे ने अपनी आत्मकथा के दूसरे अध्याय में भगवा आतंकवाद का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि 2013 कांग्रेस के जयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में उन्होंने भगवा आतंकवाद का जिक्र किया था लेकिन ये शब्द उन्होंने गृह-मंत्रालय के एक कॉन्फिडेंशियल फाइल में पढ़ा था। गृह मंत्रालय की जांच से पता चला था कि कुछ भगवा संगठनों ने आतंकवाद फैलाने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए हैं। जांच के दौरान यह रिपोर्ट सामने आई थी कि भाजपा और आरएसएस आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करते हैं ताकि आतंकवाद फैलाया जा सके।

शिंदे ने कांग्रेस नेतृत्व को दी जानकारी

समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और मालेगांव में बम विस्फोट किए गए थे। बतौर गृहमंत्री शिंदे ने ये जानकारी कांग्रेस नेतृत्व को दी। उन्होंने कहा कि उन्हें भगवा आतंकवाद शब्द गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए एक गोपनीय दस्तावेज में मिला था। उन्होंने अपने किताब में ये भी कहा कि बयान देने से पहले उन्होंने आरोपों की सच्चाई की जांच की थी। वहीं, उस समय गृह सचिव आर.के. सिंह का जिक्र करते हुए शिंदे ने अपने किताब में लिखा कि उनके बयान का गृह सचिव आर के सिंह ने भी समर्थन किया था, लेकिन जब वो बीजेपी में शामिल हुए और बीजेपी की राजनीति करने लगे तब उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा।
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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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