Sengol Row: 'सेंगोल' पर गरमाई सियासत: भाजपा-जदयू का पलटवार, कहा-पहले संसदीय परंपराओं को जानें तब करें बात

Sengol Row: सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच अब 'सेंगोल' पर विवाद हो गया है। इसे नई संसद की लोकसभा में स्पीकर के आसन के समीप लगाया गया है। सपा के सांसद ने इसकी जगह संविधान की प्रति लगाने की मांग की है। भाजपा ने सपा पर भारतीय संस्कृृति का अपमान करने का आरोप लगाया है।

सपा सांसद की मांग-लोकसभा से हटाई जाए'सेंगोल'।

मुख्य बातें
  • सपा सांसद आरके चौधरी ने कहा है कि 'सेंगोल' राजतंत्र का प्रतीक है, जबकि संसद लोकतंत्र का मंदिर है
  • भाजपा ने उनके इस बयान पर पलटवार किया, भाजपा ने कहा कि उन्हें 'सेंगोल' की परंपरा की जानकारी नहीं
  • कांग्रेस सांसद बी मनिकम टैगोर ने भी सपा एमपी की तरह अपनी राय रखी, उन्होंने कहा-यह राजशाही का प्रतीक

Sengol Row: संसद सत्र की शुरुआत होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव और विवाद का दौर शुरू हो गया है। ताजा विवाद 'सेंगोल' को लेकर सामने आया है। विपक्ष लोकतंत्र में इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए इसे स्पीकर के आसन के पास से हटाने की मांग कर रहा है। वहीं, भाजपा ने उस पर भारतीय संस्कृति का अपमान करने का आरोप लगाया है। इस टकराव के बाद 'सेंगोल' पर नई बहस छिड़ गई है। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। दरअसल, 'सेंगोल' पर सवाल उठाते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा है। इस पत्र में मोहनलालगंज के सांसद ने कहा है कि 'सेंगोल' की जगह संविधान की एक प्रति लगा देनी चाहिए।

सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है-सपा सांसद

सपा सांसद आरके चौधरी ने कहा, 'आज, मैंने इस सम्मानित सदन में आपके समक्ष सदस्य के रूप में शपथ ली है कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा लेकिन मैं सदन में पीठ के ठीक दाईं ओर सेंगोल देखकर हैरान रह गया। महोदय, हमारा संविधान भारतीय लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है। हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजे-रजवाड़े का महल नहीं।' सांसद आरके चौधरी ने आगे कहा, 'मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए।'

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