15 दिनों के भीतर अदालत में पेश की जाएगी संभल जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट, मुस्लिम पक्ष ने समय मिलने पर जताई आपत्ति

संभल जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां पर पहले मंदिर थी, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। इसी को लेकर मामला कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था।

संभल जामा मस्जिद सर्वे के आदेश के बाद हो चुकी है हिंसा

मुख्य बातें
  • संभल जामा मस्जिद का हो चुका है सर्वे
  • संभल जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट भी तैयार
  • बस कोर्ट में पेश किया जाना है रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सोमवार को एडवोकेट कमिश्नर के खराब स्वास्थ्य के कारण अदालत में पेश नहीं की जा सकी। एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने संवाददाताओं को बताया कि उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण सर्वे रिपोर्ट दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत में नहीं पेश की जा सकी।

15 दिन की मांगी मोहलत

राघव ने अदालत में एक अर्जी दाखिल कर रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा, जिसे मंजूर कर लिया गया। उन्होंने बताया कि अदालत ने अर्जी पर विचार करते हुए कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर दायर की जाए। राघव ने कहा, “मैंने अदालत से 15 दिनों का समय मांगा था लेकिन मेरी अर्जी को ‘कीप ऑन फाइल’ के रूप में चिह्नित किया गया। क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया है कि अधीनस्थ न्यायालय कोई आदेश पारित नहीं करेगी। अब उच्च न्यायालय में छह जनवरी की तारीख तय की गई है और हम 15 दिनों से पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।”

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