संभल में सुरक्षाबलों ने किया फ्लैग मार्च, शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा, आज अदालत में भी सुनवाई
मुगलकालीन मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद गुरुवार को पहली बार अधिकांश दुकानें खुलीं। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
संभल में कड़ी सुरक्षा
- संभल में आज जुमे की नमाज को लेकर सुरक्षा के भारी इंतजाम
- शाही जामा मस्जिद के पास के इलाकों में सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया
- मामले पर शुक्रवार को अदालत की सुनवाई के कारण सुरक्षा और कड़ी
Watertight security in Sambhal: संभल में आज जुमे की नमाज को लेकर सुरक्षा के भारी इंतजाम हैं। जुमे से एक दिन पहले गुरुवार को शाही जामा मस्जिद के पास के इलाकों में सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया। अधिकारियों ने कहा कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, मामले पर शुक्रवार को अदालत की सुनवाई के कारण सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से तैयार है। वहीं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र के नेतृत्व में पुलिस की टीमों ने व्यस्त बाजारों में मार्च किया, जो गुरुवार को आंशिक रूप से फिर से खुल गए हैं।
अधिकांश दुकानें खुली
मुगलकालीन मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद गुरुवार को पहली बार अधिकांश दुकानें खुलीं। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। एएसपी चंद्रा ने कहा कि स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण और सामान्य है। जुमे की नमाज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है और हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। पत्रकारों से बात करते हुए मुरादाबाद के संभागीय आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि संभल हिंसा में मारे गए चार लोगों के परिजनों ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। सिंह ने बताया कि एक घायल व्यक्ति का इलाज मुरादाबाद में चल रहा है, जिसके परिजनों ने भी एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि न केवल संभल बल्कि मुरादाबाद मंडल के सभी पांच जिलों में सतर्कता बरती जा रही है।
24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी
रविवार को संभल में हुई हिंसा से हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा कि नुकसान का आकलन अंतिम चरण में है। 19 नवंबर से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जब अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। दावा किया गया है कि इस जगह पर पहले हरिहर मंदिर था। 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी, जब प्रदर्शनकारी मस्जिद के पास एकत्र हुए और सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए। इस दौरान पत्थरबाजी और आगजनी हुई। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
इस बीच, स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ने गुरुवार को जुमे की नमाज के संबंध में मुस्लिम मौलवियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद शाही जामा मस्जिद के इमाम आफताब हुसैन वारसी ने कहा, अल्लाह पहले की तरह शांति बनाए रखे। मुझे उम्मीद है कि सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। शहर काजी मोहम्मद अलाउद्दीन अजमली ने संभल के लोगों से अपने-अपने इलाकों की मस्जिदों में नमाज अदा करने की अपील की।
आज अदालत में भी सुनवाई
उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि संभल में जल्द ही शांति स्थापित हो। हमने पुलिस से अपील की है कि खिलाफ कोई गैरकानूनी गिरफ्तारी न की जाए। शुक्रवार को अधिवक्ता आयुक्त की रिपोर्ट कोर्ट में पेश किए जाने की उम्मीद है, जहां दोनों पक्षों को जवाब देने का मौका मिलेगा। सुनवाई की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को कोर्ट में इस मामले पर जवाब देना है। उन्होंने कहा कि उनकी दलीलों के बाद ही हम अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।
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