Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट ने एक दरवाजा बंद किया तो दूसरा खोल दिया, SC के फैसले पर बोले MP महेश जेठमलानी

Same Sex Marriage Verdict: समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीनियर वकील और राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने कि सुप्रीम कोर्ट ने एक दरवाजा बंद किया तो दूसरा खोल दिया।

Mahesh Jethmalani on Same Sex Marriage Verdict

सीनियर वकील और राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने सेम सेक्स मैरेज पर बड़ी बात कही।

Same Sex Marriage Verdict: सीनियर वकील और राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से समलैंगिक विवाह से संबंधित सभी मुद्दों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी गठित करे। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से समलैंगिक विवाह से संबंधित सभी मुद्दों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी गठित करने को कहकर एक दरवाजा बंद किया तो दूसरा दरवाजा खोल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसा करने की शक्ति नहीं है, हम सरकार में विधायिका के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण करेंगे। इसलिए हम उनसे इस मुद्दे की जांच करने का आह्वान कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारे पास आपको अधिकार देने की शक्ति नहीं है। यह संविधान से नहीं मिलता है। अगर शादी करने का अधिकार संविधान से मिलता है, तो हम कह सकते हैं कि आपको संविधान अनुसार शादी करने का अधिकार है। इसलिए यदि विवाह का अधिकार संवैधानिक रूप से गारंटीकृत नहीं है तो यह आपको केवल एक कानून द्वारा ही दिया जा सकता है। कानून केवल विधायिका द्वारा पारित किया जा सकता है।

इसलिए उन्होंने कहा है कि समलैंगिक विवाह के प्रश्न को कानूनी मान्यता की आवश्यकता है और अगर इसे कानूनी मान्यता की जरुरत है तो एकमात्र संस्था है जो उस मान्यता को प्रदान कर सकती है वह संसद और केंद्र सरकार है। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह को संवैधानिक वैधता देने के खिलाफ 3:2 के फैसले में फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर कानून बनाना संसद का काम है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, एस रवींद्र भट, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की बैंच ने इस साल 11 मई को सुरक्षित रखा फैसला सुनाया। कार्यकर्ता और LGBTIQA+ समुदाय के लोग अपने पक्ष में फैसले की उम्मीद कर रहे थे जबकि कुछ अन्य एक्टिविस्ट भी थे जो सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा फैसले का समर्थन कर रहे थे क्योंकि उनके अनुसार समलैंगिक विवाह को वैध बनाने से देश का सामाजिक ताना-बाना विकृत हो जाता।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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