भारत मेरा दूसरा घर...सऊदी अरब की पहली योगा टीचर नोफ अलमरवाई को क्यों भाया इंडिया

नोफ अलमरवाई ने कहा कि भारत मेरे लिए दूसरा घर है। भारत ने मुझे योग और आयुर्वेद दिया। मैं कामना करती हूं कि भारत और यहां के लोग सदैव खुश रहें।

Nauf Almarwaai

नोफ अलमरवाई (Image: @rashtrapatibhvn/Twitter)

Nouf Almarwaai: सऊदी अरब की पहली योगा टीचर नोफ अलमरवाई (Nouf Almarwaai) का कहना है कि भारत उनका दूसरा घर है। 2018 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित नोफ अलमरवाई का कहना है कि योग पूरे सऊदी अरब में फैल रहा है क्योंकि वहां के लोग फिटनेस में रुचि रखते हैं। इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर समारोह में सऊदी अरब में लगभग 10,000 लोगों ने इसमें भाग लिया। इसमें सऊदी के नागरिक भी शामिल थे। सऊदी योग समिति द्वारा आयोजित समारोह में लोगों ने उत्साह के साथ शिरकत की थी।

पूरी मानवता के बीच शांतिपूर्ण जीवन

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के महासचिव डॉ. मोहम्मद अलीसा ने अपनी ऐतिहासिक भारत यात्रा के दौरान जिक्र किया था कि भारतीय ज्ञान प्राचीन काल से ही दुनिया भर में जाना जाता है। पतंजलि का योग सूत्र 500 ईसा पूर्व के आसपास लिखा गया था। इसका लक्ष्य है पूरी मानवता के बीच शांतिपूर्ण जीवन को बढ़ावा देना और पृथ्वी ग्रह की देखभाल करना। यह महामहिम क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के 2030 विजन का मूल है। सऊदी अरब पहला देश था जिसने G20 एजेंडा में सांस्कृतिक आयाम जोड़ा और 2020 में G20 की सऊदी अध्यक्षता के दौरान COVID-19 के बीच इसके लिए पहला कार्य समूह बनाया और उसी समय इसे थीम बनाया। उसके बाद यह पहल इटली, इंडोनेशिया और अब भारत जैसे अन्य देशों के साथ यह जारी रही।

भारत मेरे लिए दूसरा घर

उन्होंने कहा कि भारत मेरे लिए दूसरा घर है। भारत ने मुझे योग और आयुर्वेद दिया। मैं कामना करती हूं कि भारत और यहां के लोग सदैव खुश रहें। हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न जी20 की भारत की अध्यक्षता के बारे में नोफ ने कहा कि इसने भारतीय विरासत की समृद्धि को दर्शाया। ओडिशा का कोणार्क मंदिर और योग भारत की यूनेस्को-पंजीकृत विरासत हैं। प्रगति मैदान में भारत मंडपम हॉल की दीवार प्राचीन ऋषियों द्वारा किए गए योग आसन और प्रथाओं को प्रदर्शित करती है। भारत सरकार द्वारा जी20 के संदेश के रूप में योग को बढ़ावा देना एक अद्भुत कदम था।

भारत की विविधता को रोजाना देखा

आप भारत की विविधता को किस रूप में देखती हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा- इसे भारतीय संविधान में रेखांकित किया गया है, और "वसुधैव कुटुंबकम" प्राचीन काल से भारतीय समाज के सबसे महत्वपूर्ण मूल्यों में से एक है। जब मैं भारत में थी तो मैंने हर दिन यह देखा। एक सऊदी नागरिक और मुस्लिम होने के नाते योग के प्रति मेरे योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा मुझे पद्मश्री से सम्मानित किया गया। मैं मानवता के लिए शांति और खुशी के संदेश में अपने दृढ़ विश्वास के कारण विदेशों में योग के प्रचार-प्रसार में लगी हुई हूं।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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