Sawal Public Ka: हिजाब महिलाओं का मुद्दा या जिहादियों का, तय करो! हिजाब निजी या इस्लामिक?

Sawal Public Ka: हिजाब (Hijab) पर आए सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले को हर एक पक्ष अपने-अपने नजरिये से देख रहा है और अपनी-अपनी जीत बता रहा है। सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच पूरे मसले को किन कानूनी पहलुओं पर परखेगी। ये बाद की बात है। सवाल पब्लिक का है कि वो कौन सी सोच है जहां कट्टरपंथियों का एजेंडा, देश के कुछ नेताओं की सोच से तालमेल खाता है? आखिर हिजाब महिलाओं का मुद्दा है या जेहादियों का?

Sawal Public Ka: हिजाब (Hijab) मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बंटा हुआ फैसला आया है। दो जजों की बेंच में एक जज साहब ने हिजाब पर रोक लगाने के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। ये जज साहब हैं जस्टिस सुधांशु धूलिया। तो जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। इस बंटे हुए फैसले के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को हिजाब पर फैसला करना होगा। यानी तकनीकी तौर पर हिजाब मसले का हिसाब-किताब आज वहीं अटका है जहां कल तक था। लेकिन आज हिजाब पर बहस इसलिए उठ खड़ी हुई है क्योंकि कोर्ट के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा - हिजाब इस्लाम का मसला है और हिजाब ना पहनने से आवारगी बढ़ती है।

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वाह ! एक ओर कोर्ट में Matter of Choice की दलील, अपनी पसंद से पहनने की आजादी का ढोल तो दूसरी ओर महिलाओं के पहनावे पर आवारगी को मापने वाला थर्मामीटर। बात सिर्फ एक शफीकुर्रहमान बर्क की नहीं। आप याद कीजिए, मसला क्या था- स्कूलों में यूनिफार्म की जगह हिजाब की आजादी मिले या नहीं? लेकिन मसला क्या बन गया, देश में हिजाब की आजादी पर सवाल क्यों? और इस हिजाब मुद्दे को किस-किसने बड़ा किया? शफीकुर्रहमान बर्क, असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने और यहां तक एक हिजाबी लड़की के साथ फोटो खिंचाकर राहुल गांधी तक ने।

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हिजाब पर एजेंडे के साथ कौन आगे आया...बैन हो चुका PFI और CFI...। अलकायदा चीफ अयमन अल जवाहिरी तक ने हिजाब के लिए प्रदर्शन करने वाली मुस्कान खान को शाबादी देने वाला वीडियो जारी किया। सवाल पब्लिक का है कि वो कौन सी सोच है जहां कट्टरपंथियों का एजेंडा...देश के कुछ नेताओं की सोच से तालमेल खाता है? आखिर हिजाब महिलाओं का मुद्दा है या जेहादियों का?

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