RTI एक्ट के तहत चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने से SBI का इनकार, कहा- ये निजी जानकारी

Electoral Bonds: शीर्ष अदालत ने समय सीमा बढ़ाने की मांग करने वाली एसबीआई की याचिका 11 मार्च को खारिज कर दी और बैंक को 12 मार्च के व्यावसायिक घंटों के अंत तक आयोग के समक्ष बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया था।

SBI का चुनावी बॉन्ड पर विवरण देने से इनकार

SBI Refuses To Disclose Electoral Bonds Details: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत निर्वाचन आयोग (EC) को दिए गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया, भले ही रिकॉर्ड आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक हो चुका है। बैंक ने दावा किया है कि यह वायदे के अनुरूप संभालकर रखी गई व्यक्तिगत जानकारी है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से मनमानी करार देते हुए 15 फरवरी को एसबीआई को निर्देश दिया था कि वह 12 अप्रैल, 2019 से खरीदे गए बॉण्ड का पूरा विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपे। अदालत ने आयोग को संबंधित विवरण 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

शीर्ष अदालत ने समय सीमा बढ़ाने की मांग करने वाली एसबीआई की याचिका 11 मार्च को खारिज कर दी और बैंक को 12 मार्च के व्यावसायिक घंटों के अंत तक आयोग के समक्ष बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया था। आरटीआई कार्यकर्ता कमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा ने 13 मार्च को एसबीआई से संपर्क कर डिजिटल फॉर्म में चुनावी बॉन्ड का वैसा ही पूरा डेटा मांगा, जैसा अदालत के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग को प्रदान किया गया था।

एसबीआई ने दिया इस नियम का हवाला

बैंक ने आरटीआई अधिनियम के तहत दी गई छूट से संबंधित दो धाराओं का हवाला देते हुए जानकारी उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया। ये धाराएं 8(1)(ई) और 8(1)(जे) हैं। पहली धारा न्यासीय क्षमता में रखे गए रिकॉर्ड से संबंधित है तो दूसरी व्यक्तिगत जानकारी उपलब्ध कराने को निषिद्ध करती है। केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी और एसबीआई के उप महाप्रबंधक की ओर से बुधवार को दिए गए जवाब में कहा गया है, आपके द्वारा मांगी गई जानकारी में खरीदारों और राजनीतिक दलों का विवरण शामिल है और इसलिए, इसका खुलासा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह न्यासी क्षमता में रखा गया है, जिसके तहत आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ई) और (जे) के तहत जानकारी देने से छूट दी गई है।

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