पर्यावरण कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने की केंद्र की खिंचाई, बिना जुर्माने वाले कानून को बताया 'दंतहीन'

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कानून लागू करने के लिए आवश्यक मशीनरी तैयार किए बिना सीएक्यूएम अधिनियम लागू किया गया।

Delhi pollution

सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार

SC on Air pollution: दिल्ली में प्रदूषण की मार के मद्देनजर पर्यावरण कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र की जमकर खिंचाई की। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण कानूनों को 'दंतहीन' बनाने के लिए केंद्र की खिंचाई की और कहा कि पराली जलाने पर जुर्माने के सीएक्यूएम अधिनियम के प्रावधान को लागू नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कानून लागू करने के लिए आवश्यक मशीनरी तैयार किए बिना सीएक्यूएम अधिनियम (CAQM) लागू किया गया। वहीं, सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि पराली जलाने पर सीएक्यूएम अधिनियम के तहत जुर्माने पर विनियमन 10 दिनों में जारी किया जाएगा।

आवश्यक मशीनरी बनाए बिना लागू किया गया

जस्टिस अभय एस ओका, अहसानुद्दीन अमानुल्ला और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021 (सीएक्यूएम अधिनियम) वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रावधान को लागू करने के लिए आवश्यक मशीनरी बनाए बिना लागू किया गया था। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 15, जो पराली जलाने पर जुर्माने से संबंधित है, उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा, इसके लिए नियम 10 दिनों में जारी किए जाएंगे।

हम जानते हैं कि जमीन पर क्या हो रहा हैउन्होंने कहा कि एक निर्णायक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा और कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। भाटी ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पंजाब और हरियाणा के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। पीठ ने सीएक्यूएम से पूछा कि आपके नोटिस को कौन गंभीरता से ले रहा है क्योंकि कानून के तहत प्रक्रिया प्रदान नहीं की गई है। पीठ ने कहा, कृपया सीएक्यूएम के अपने अध्यक्ष से कहें कि इन अधिकारियों को जमानत न दें। हम जानते हैं कि जमीन पर क्या हो रहा है।

भाटी ने बताया कि पंजाब के अमृतसर, फिरोजपुर, पटियाला, संगरूर, तरनतारन जैसे कई जिलों में पराली जलाने के 1,000 से अधिक मामले हुए हैं। 16 अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने पराली जलाने के दोषी पाए गए उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा न चलाने पर पंजाब और हरियाणा सरकारों की खिंचाई की थी, जबकि राज्य के मुख्य सचिवों को स्पष्टीकरण के लिए 23 अक्टूबर को पेश होने के लिए बुलाया था। शीर्ष अदालत पंजाब और हरियाणा सरकारों द्वारा पराली जलाने को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सीएक्यूएम द्वारा जारी निर्देशों को लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने से नाराज है।

सीएक्यूएम के निर्देश

एनडीएमसी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों के तहत, सभी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और मार्केट ट्रेड एसोसिएशन (एमटीए) को सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए जारी दिशा-निर्देशों को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया गया है। जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रमुख उपायों में से एक खुले में कचरा जलाने पर सख्त प्रतिबंध है, जिसे हानिकारक उत्सर्जन के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में पहचाना गया है। उल्लंघन करने वालों को 5,000 रुपये का प्रारंभिक जुर्माना देना होगा और बार-बार उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना देना होगा। आरडब्ल्यूए और एमटीए से यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि उनके संबंधित इलाकों में ऐसी कोई गतिविधि न हो। एनडीएमसी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सुरक्षा गार्ड द्वारा बायोमास या लकड़ी को जलाने से रोकने के लिए, आरडब्ल्यूए को ठंड के मौसम में उनके उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराने होंगे। इसमें कहा गया है कि निर्माण गतिविधियों से उत्पन्न धूल प्रदूषण से निपटने के लिए एनडीएमसी ने सभी निर्माण और तोड़फोड़ स्थलों को ढकने का आदेश दिया है।

दिल्ली में पार्किंग शुल्क दोगुना

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए एक और कदम उठाते हुए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने लुटियंस दिल्ली क्षेत्र में अपने पार्किंग शुल्क को दोगुना कर दिया है। एनडीएमसी के आदेश में कहा गया है, रिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के दूसरे चरण के निरस्त होने तक एनडीएमसी द्वारा प्रबंधित पार्किंग के लिए पार्किंग शुल्क (ऑफ रोड/इनडोर) को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि सड़क पर पार्किंग स्थलों और पार्किंग के लिए मासिक पास धारकों के लिए शुल्क में वृद्धि लागू नहीं की जाएगी।

एनडीएमसी ने आदेश के लिए तत्काल प्रभाव से सख्त अनुपालन का निर्देश दिया है। एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए एनडीएमसी ने लोगों को सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से पार्किंग शुल्क दोगुना करने का निर्णय लिया है। एनडीएमसी पार्किंग स्थलों पर पार्किंग के सामान्य शुल्क के तहत चौपहिया वाहनों से 20 रुपये प्रति घंटा (एक दिन के लिए अधिकतम 100 रुपये) शुल्क लिया जाता है, जबकि दो पहिया वाहनों से 10 रुपये प्रति घंटा शुल्क लिया जाता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited