जंगलों की आग पर SC ने उत्तराखंड सरकार को लगाई फटकार; पूछा- आग लगने के बावजूद कर्मचारियों की क्यों लगाई गई इलेक्शन ड्यूटी...?

Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील राजीव दत्ता ने दलील दी कि कुछ लोग जानबूझ कर जंगलों में आग लगवा कर पेड़ों से निकलने वाला चारकोल बेचते हैं।

आग लगने के बावजूद कर्मचारियों की ड्यूटी इलेक्शन में क्यों लगाई गई- सुप्रीम कोर्ट

Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील राजीव दत्ता ने दलील दी कि कुछ लोग जानबूझ कर जंगलों में आग लगवा कर पेड़ों से निकलने वाला चारकोल बेचते हैं। ये धंधा जोरों पर है। आग लगाने के आरोप में पकड़े गए लोग तो महज गुर्गे हैं उनके। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एसवीएन भट्टी और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के सामने सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार ने कहा कि हम आग बुझाने में लगे हैं। इस काम में नौ हजार से ज्यादा कर्मचारी जुटे हैं। हमने जंगल में आग लगाने के 420 मुकदमे दर्ज किए हैं। हर दूसरे दिन मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। हम जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं।

उत्तराखंड सरकार ने समिति बनाने की सिफारिश की

उत्तराखंड सरकार ने कहा कि केंद्र से अब तक फंड रिलीज नहीं हुआ है। हमें उसका इंतजार है। कोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्र वकील परमेश्वर ने कहा कि इस बाबत राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन प्लान बना हुआ है। लेकिन समय पर एक्शन न हो तो सिर्फ प्लान का क्या फायदा? समुचित मानवीय संसाधन यानी मानवीय बल चाहिए। जस्टिस मेहता ने कहा कि सैटलाइट तस्वीरों में भी भीषण आग लगी हुई दिख रही है। जिस पर उत्तराखंड सरकार ने कहा कि केंद्र को शामिल करते हुए एक समिति बना दी जाए।

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