अभी कुछ ऐसी है देश में महिलाओं की सियासी तस्वीर, 33% आरक्षण से बदलेगी सूरत
Women Reservation Bill : महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा और राज्यों की विधानसभा परिषदों में लागू नहीं होगा। मौजूदा समय में भारत के 95 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में लगभग आधी महिलाएं हैं, लेकिन संसद में इनकी भागीदारी की बात करें तो निम्न सदन में महिला सदस्य केवल 15 प्रतिशत हैं जबकि विधानसभाओं में यह आंकड़ा और कम 10 प्रतिशत है।
राजनीति में बढ़ेगी महिलाओं की हिस्सेदारी।
Women Reservation Bill : देश की राजनीति में महिला की हिस्सेदारी बढ़ाने की बात दशकों पहले से होती आ रही है। सियासत में आधी आबादी की हिस्सेदारी बढ़ाए जाने के लिए समय-समय पर गंभीर चर्चाएं एवं राजनीतिक पहल भी हुई। लेकिन यह पहल कभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। लेकिन अब यह मुहिम अपने रंग दिखा रही है। लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए लाया गया महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए इसका राज्यसभा से पारित होना तय है। जाहिर है कि कानून बन जाने के बाद राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी। राजनीतिक रूप से उनका सशक्तिकरण होगा।
कई राज्यों में नुमाइंदगी शू्न्य है
अब तक देश में महिलाओं की राजनीति में हिस्सेदारी कमजोर रही है। भारत में कई राज्य (खासकर पूर्वोत्तर) के ऐसे भी हैं जहां उनकी नुमाइंदगी बिल्कुल शून्य है। लेकिन अब सरकार के इस पहल से देश की आधी आबादी को उनका वाजिब हक मिलेगा। महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पारित कराने के लिए सरकार की तरफ से यह 7वां प्रस्ताव है। महिलाओं को विधायिका में आरक्षण देने के लिए पहली बार 1996 में विधेयक पेश किया गया था। हालांकि, तत्कालीन सरकार विधेयक पारित कराने के लिए जरूरी आंकड़ा जुटा नहीं पाई।
महिलाओं की भागीदारी वाले शीर्ष पांच राज्य
- छत्तीसगढ़ 14.44%
- बंगाल 13.70%
- झारखंड 12.35%
- राजस्थान 12%
- उत्तर प्रदेश 11.66%
न्यूनतम हिस्सेदारी वाले 5 राज्य- मिजोरम 0
- नगालैंड 3%
- पुडुचेरी 3.33%
- असम 4.76%
- त्रिपुर-अरुणाचल प्रदेश 5%
- राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की औसत नुमाइंदगी 9 फीसदी है
- राज्यसभा में महिला सांसदों का प्रतिशत 13 है।
- संसद में 42 फीसद महिला सांसद बीजद से हैं।
- 39% महिला सांसद टीएमसी से हैं।
- 14 फीसदी महिला सांसद भाजपा से हैं।
अभी नुमाइंदगी 33 फीसदी से आधे से भी कम
संसद के दोनों सदनों लोकसभा एवं राज्यसभा में इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हो जाएंगी। हालांकि, यह कानून राज्यसभा और राज्यों की विधानसभा परिषदों में लागू नहीं होगा। मौजूदा समय में भारत के 95 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में लगभग आधी महिलाएं हैं, लेकिन संसद में इनकी भागीदारी की बात करें तो निम्न सदन में महिला सदस्य केवल 15 प्रतिशत हैं जबकि विधानसभाओं में यह आंकड़ा और कम 10 प्रतिशत है। अभी संसद और विधानसभाओं में महिलाओं की नुमाइंदगी 33 फीसदी के आधे से भी कम है।
महिला सांसदों के मामले में रवांडा सबसे आगे
इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन के 2019 के डाटा के मुताबिक राजनीति में महिलाओं को हिस्सेदारी देने के मामले में पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा सबसे आगे है। यहां सदन की 80 सीटों में 49 महिला सांसद (61.3%) हैं। दूसरे स्थान पर क्यूबा है। यहां की संसद की 605 सीटों में 322 महिला सांसद हैं। इस सूची में भारत का स्थान 149वें नंबर पर है।
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