SCO Summit: जयशंकर ने सिर्फ 'नमस्ते' से किया बिलावल भुट्टो का स्वागत, नहीं मिलाया हाथ, आतंकवाद पर सुनाई खरी-खरी

बिलावल के भारत दौरे को लेकर इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों नेताओं के बीच किस तरह की मुलाकात और बातचीत होगी।

S Jaishankar welcomes Bilawal Bhutto

जयशंकर ने किया बिलावल भुट्टो का स्वागत

Jaishankar Meets Bilawal: गोवा में चल रही एससीओ विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में आज का दिन अहम रहा। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की मुलाकात हुई। हालांकि, इस दौरान जयशंकर ने बिलावल से हाथ नहीं मिलाया। दोनों के बीच मंच पर सिर्फ अभिवादन ही हुआ। इसके बाद जयशंकर, बिलावल को सम्मेलन कक्ष की तरफ ले गए। बिलावल के भारत दौरे को लेकर इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों नेताओं के बीच किस तरह की मुलाकात और बातचीत होगी।

जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद का उठाया मुद्दा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया। जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद सहित सभी तरह के आतंकवाद का खतरा बेरोकटोक जारी है।

गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में ईएएम जयशंकर ने कहा, आतंकवाद का खतरा बेरोकटोक जारी है। सीमा पार आतंकवाद सहित किसी भी तरह के आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है। आतंकवाद का मुकाबला करना एससीओ के मूल जनादेशों में से एक है। जयशंकर ने आगे कहा कि आतंकवाद के खतरे और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोका जाना चाहिए। भारत ने अंग्रेजी को एससीओ की आधिकारिक भाषा के रूप में भी प्रस्तावित किया।

भारत और पाकिस्तान 2017 में स्थायी सदस्य बने

एससीओ की स्थापना 2001 में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में की गई थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में स्थायी सदस्य बने। भारत को 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक बनाया गया था और आम तौर पर समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लिया है, जो मुख्य रूप से यूरेशियन क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित है। भारत ने एससीओ और इसके क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ अपने सुरक्षा संबंधी सहयोग को गहरा करने में गहरी रुचि दिखाई है, जो विशेष रूप से सुरक्षा और रक्षा से जुड़े मुद्दों से संबंधित है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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