लड़ाकू विमानों के मुद्दे पर स्टैंडिंग कमेटी की हिदायत, पुराने फाइटर जेट्स को करें रिटायर
Mig 21 fighter jets: मिग-21 फाइटर जेट्स को उड़ता काफिन कहा जाता है। इस मामले में संसद की स्थाई समिति ने इन फाइटर जेट्स की संख्या को कम करने की हिदायत दी है।
लड़ाकू विमानों पर स्थाई समिति की हिदायत(सौजन्य- Indian Air Force)
विमानों के रखरखाव पर ध्यान देने की जरूरत
रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति (एससीओडी) ने भारतीय वायु सेना को सलाह दी है कि वह अपने बेड़े में विमान प्रकारों की संख्या कम करने के साथ-साथ रखरखाव के मुद्दों को कम करे। भारतीय वायुसेना ने इस सलाह के जवाब में स्टैंडिंग कमिटी को बताया कि वह लड़ाकू बेड़े की दक्षता बढ़ाने के लिए आमतौर पर अलग-अलग देशों से खरीदे गए 6-7 अलग-अलग प्रकार के लड़ाकू विमान इस्तेमाल करती है।IAF ने SCOD को बताया है कि वह विभिन्न परिचालन भूमिकाओं के लिए निम्न, मध्य और उच्च-स्तरीय लड़ाकू विमानों का मिश्रण खरीदती है, लेकिन भविष्य में, वायुसेना मेड इन इंडिया फाइटर जेट्स के साथ कुछ समानताओं को प्राप्त करने की योजना बना रही है ।इंजन और एवियोनिक्स के मामले में नए विमान समानता के कुछ स्तरों को साझा करेंगे।
मिग-21 के बेड़े के रिटायरमेंट की योजना
IAF ने 2025 तक मिग-21 के बेड़े को रिटायर करने की योजना बनाई है और 2035 तक मिराज-2000, जगुआर और मिग 29UPG बेड़े को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा, जिसे AMCA Mk1 लड़ाकू जेट और तेजस Mk Il विमान द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। IAF विदेशी मूल के 114 जेट खरीदने का भी इरादा रखता है।
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