लड़ाकू विमानों के मुद्दे पर स्टैंडिंग कमेटी की हिदायत, पुराने फाइटर जेट्स को करें रिटायर

Mig 21 fighter jets: मिग-21 फाइटर जेट्स को उड़ता काफिन कहा जाता है। इस मामले में संसद की स्थाई समिति ने इन फाइटर जेट्स की संख्या को कम करने की हिदायत दी है।

लड़ाकू विमानों पर स्थाई समिति की हिदायत(सौजन्य- Indian Air Force)

Mig 21 fighter jets: पिछले कुछ सालों में भारतीय वायु सेना के मिग-21 फाइटर जेट्स की बढ़ती दुर्घटनाओं और तमाम दूसरे तरह के फाइटर जेट्स में रखरखाव की दिक्कतों को देखते हुए अब पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी ऑन डिफेंस ने भारतीय वायु सेना को इन फाइटर जेट्स के प्रकार की संख्या को कम करने की हिदायत दी है। स्टैंडिंग कमिटी ऑन डिफेंस ने भारतीय वायु सेना से फाइटर जेट में रखरखाव और दुर्घटनाओं की दिक्कतों को कम करने के लिए पुराने विमानों की अलग-अलग श्रेणियों को कम करने को कहा है।

रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति (एससीओडी) ने भारतीय वायु सेना को सलाह दी है कि वह अपने बेड़े में विमान प्रकारों की संख्या कम करने के साथ-साथ रखरखाव के मुद्दों को कम करे। भारतीय वायुसेना ने इस सलाह के जवाब में स्टैंडिंग कमिटी को बताया कि वह लड़ाकू बेड़े की दक्षता बढ़ाने के लिए आमतौर पर अलग-अलग देशों से खरीदे गए 6-7 अलग-अलग प्रकार के लड़ाकू विमान इस्तेमाल करती है।IAF ने SCOD को बताया है कि वह विभिन्न परिचालन भूमिकाओं के लिए निम्न, मध्य और उच्च-स्तरीय लड़ाकू विमानों का मिश्रण खरीदती है, लेकिन भविष्य में, वायुसेना मेड इन इंडिया फाइटर जेट्स के साथ कुछ समानताओं को प्राप्त करने की योजना बना रही है ।इंजन और एवियोनिक्स के मामले में नए विमान समानता के कुछ स्तरों को साझा करेंगे।

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