पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में पहुंचा धक्कामुक्की कांड, जानें किन-किन धाराओं के तहत दर्ज हुई शिकायत

Congress vs BJP: संसद में धक्कामुक्की का मामला अब पुलिस थाने पहुंच गया है। जहां भाजपा और कांग्रेस के सांसदों का डेलीगेशन का आमना-सामना हुआ। पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में धक्कामुक्की कांड पर घमासान छिड़ गया है। दोनों पक्ष ने अपनी-अपनी शिकायत दर्ज करा दी है। आपको बताते हैं कि किन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

Scuffle Case reached Parliament Street police station

थाने पहुंचा संसद में धक्कामुक्की का मामला।

Scuffle Case reached Parliament Street police station: संसद में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मकर द्वार पर हुए धक्कामुक्की कांड के बाद दोनों की पार्टी का डेलीगेशन पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पहुंचा। सबसे पहले बीजेपी के सांसद अनुराग ठाकुर, बांसुरी स्वराज और वडोदरा से हेमांग जोशी संसद से सीधे दोपहर करीब डेढ़ बजे पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पहुंचे। मकसद था संसद में हुई धक्कामुक्की को लेकर शिकायत दर्ज करवाना। उधर घायल सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत कि आरएमएल अस्पताल में इलाज चल रहा था। सारंगी के माथे पर चोट आई जबकि मुकेश राजपूत के सिर के पीछे चोट लगी।

इसी को लेकर शिकायत दर्ज करवाने पहुंचे बीजेपी के तीनो सांसद थाना परिसर में मौजूद नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश महला के ऑफिस पहुंचे और करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात की और अपनी शिकायत दी। बीजेपी की तरफ़ से शिकायत वडोदरा के सांसद हेमांग जोशी ने दर्ज करवाई और अपनी शिकायत में सीधे राहुल गांधी पर आरोप लगाया।

पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में धक्कामुक्की कांड पर घमासान

पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पर मौजूद बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘हमने राहुल गाँधी के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उसमें आज जो संसद में पूरा घटनाक्रम हुआ है उसकी जानकारी दी है। राहुल गांधी का जिस तरह का रवैया है उन्हें लगता है की वह कानून से उपर हैं, गांधी परिवार अपने आप को कानून से ऊपर समझता है। राहुल गांधी ने नागालैंड की महिला सांसद से भी बेहद अहंकारपूर्ण तरीके से बदसलूकी की। शारीरिक हमला करना और उकसाने का काम राहुल गांधी ने किया है। कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है की जैसे खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे।’

अनुराग ठाकुर के कहा कि उन्होंने अपनी शिकायत बीएनएस की धारा 109, 115, 117, 125, 131 और 351 के तहत दी है। आपको बताते हैं कि इन धाराओं के तहत क्या-क्या आरोप लगाए गए हैं।

  • बीएनएस की धारा 109 यानी हत्या के प्रयास
  • बीएनएस की धारा 115 यानी स्वेच्छा से चोट पहुंचाना
  • बीएनएस की धारा 117 यानी स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना
  • बीएनएस की धारा 125 यानी दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का कार्य
  • बीएनएस की धारा 131 यानी आपराधिक बल का प्रयोग
  • बीएनएस की धारा 351 यानी आपराधिक धमकी
  • बीएनएस की धारा 3(5) यानी भारतीय न्याय संहिता का सामान्य इरादा

बीजेपी ने अपनी शिकायत के सीधे राहुल गांधी को निशाना बनाया । उधर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे कांग्रेस का डेलीगेशन भी पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पहुंचा। जिस वक्त कांग्रेस की तरफ़ से दिग्विजय सिंह, राजीव शुक्ला, प्रमोद तिवारी और मुकुल वासनिक, इमरान प्रतापगढ़ी और वर्षा गायकवाड़ अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे। उस वक़्त डीसीपी ऑफिस में बीजेपी का डेलीगेशन अपनी शिकायत दे रहा था। कांग्रेस के डेलीगेशन की शिकायत पार्लियामेंट एसीपी अजय कुमार ने सुनी। करीब 15 मिनट की मुलाकात के बाद कांग्रेस का डेलीगेशन अपनी लिखित शिकायत देकर थाने से निकल गया।

कांग्रेस ने अपनी शिकायत में बीजेपी के सांसदों पर जानबूझकर रास्ता रोकने और धक्कामुक्की करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा कि बीजेपी की ये साजिश थी। हमें अपना प्रोटेस्ट करने के लिए अंबेडकर की प्रतिमा से मकर द्वार तक शांति पूर्वक मार्च करना था जोकि नहीं करने दिया गया इतना ही नहीं बीजेपी सांसदो के हाथ में डंडे क्यों थे ये एक बड़ी साजिश थी। मल्लिकार्जुन खड़गे को जानबूझकर धक्का देकर गिराया गया, जिससे उनके दोनों घुटनों में चोट आई। मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ हुई बदसलूकी को लेकर एससी/एसटी एक्ट भी लगना चाहिए।

पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में हुआ भाजपा-कांग्रेस का आमना सामना

जिस वक्त कांग्रेस का डेलीगेशन थाने में अपनी शिकायत देकर निकला उस वक्त भी बीजेपी के सांसद डीसीपी ऑफिस में ही बैठे थे और कांग्रेस के डेलीगेशन के थाने से जाने के करीब आधे घंटे बाद वे भी निकल गए। दिल्ली पुलिस ने दोनों पक्षों या फिर कहे दोनों पार्टियों की शिकायत ले ली है और अब पार्लियामेंट परिसर में हुए इस धक्कामुक्की कांड को लेकर लीगल ओपिनियन ली जा रही है कि क्या सत्र के दौरान हुई इस घटना में बिना लोकसभा अध्यक्ष की इजाजत के बिना FIR दर्ज की जा सकती है या नहीं।

ऐसे में पुलिस के पास दो तरीके हैं या तो शिकायत के आधार पर पहले जांच करें या फिर एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश करें। अगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की तो पार्लियामेंट में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, मीडिया के कैमरो में दर्ज फुटेज को खंगाला जाएगा। वहां मौजूद सभी लोगों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे, वो भी लोकसभा अध्यक्ष की इजाज़त के बाद हो सकता है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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