'INDIA' में सीट शेयरिंग पर फंस रहा है पेंच! समझिए क्यों नहीं हो पा रहा फैसला

INDIA Mumbai Meeting: आखिर ऐसा कौन सा पेंच फंस रहा है जो विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक में भी सीट बंटवारे को लेकर फैसला नहीं हो पाया। मुंबई में विपक्षी पार्टियों के 'इंडिया' की दो दिवसीय बैठक हुई। इस बैठक में गठबंधन के संयोजक और सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई, मगर फैसला नहीं हो पाया। अब समझिए कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।

क्या कांग्रेस नहीं चाहती कि सीट शेयरिंग पर जल्द फैसला हो?

Opposition Party Meet: मुंबई विपक्षी गठबंधन में शामिल 28 पार्टियों की बैठक हुई, दावा किया जा रहा था कि इस बैठक में सीट शेयरिंग पर फैसला होने की संभावना है। मगर बैठक में ना ही सीटों के बंटवारे पर फैसला हुआ और ना ही गठबंधन का लोगो (logo) और संयोजक तय हो पाया। आखिर पेंच कहां फंस रहा है, जो विपक्ष तीन बार हुई बैठक में भी गठबंधन का संयोजक और सीट शेयरिंग पर फैसला नहीं कर पाया।

क्या कांग्रेस नहीं चाहती कि सीट शेयरिंग पर जल्द फैसला हो?

फिलहाल ये कह पाना मुश्किल है कि सीट शेयरिंग पर फैसला कब होगा? राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने अपने संबोधन में सीट बंटवारे का जिक्र किया और ये बताया कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा, मगर कहां पेंच फंसा है और इतना समय क्यों लग रहा है इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया। हालांकि सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि विधानसभा चुनाव से पहले सीटों पर फैसला हो, माना जा रहा है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनावों में अगर कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करती है तो उसके खाते में अधिक सीटें आ सकती है। कांग्रेस ये बखूबी समझती है, हालांकि समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, जदयू के नीतीश कुमार, आप के अरविंद केजरीवाल और टीएमसी की ममता बनर्जी समेत कई नेता ऐसा चाहते हैं कि जल्द से जल्द सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो जाए।

विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' हताश है- भाजपा ने किया दावा

विपक्षी गठबंधन की तरफ से कोई मुख्य चेहरा नहीं है और ना ही संयोजक के नाम पर अभी तक मुहर लगी है। ऐसे में सियासी गलियारों में अंदरूनी घमासान के दावे किए जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि इसका एकमात्र निष्कर्ष यह है कि उन्होंने 'औपचारिक और राजनीतिक' रूप से उनके 'लेने और देने' (गिव एंड टेक) के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया है। भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'तथाकथित विपक्षी गठबंधन' की तीसरी बैठक में किसानों, महिलाओं और बच्चों की चिंताओं को दूर करने की कोई रणनीति नहीं थी।

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