नहीं रहे शांति भूषणः कानूनी मसलों पर रखते थे तगड़ी पकड़, AAP को बनाने में था बड़ा हाथ; BJP से भी रहे ताल्लुकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने कहा- कानून के क्षेत्र में वह अपने योगदान और वंचितों के लिए खुलकर बोलने के लिए याद किए जाएंगे। उनके देहांत की खबर सुनकर दुख हुआ।

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शांति भूषण जाने-माने सीनियर वकील थे। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने सीनियर वकील और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण नहीं रहे। वह 97 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मंगलवार (31 जनवरी, 2023) को उन्होंने अंतिम सांस ली।

अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' को बेटे ने बताया- मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि एक युग का अंत हो गया। वह ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने आजादी के समय से संविधान और लीगल सिस्टम के विकास को देखा। उनका जाना हम सबके लिए एक बड़े नुकसान जैसा है।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने कहा- कानून के क्षेत्र में वह अपने योगदान और वंचितों के लिए खुलकर बोलने के लिए याद किए जाएंगे। उनके देहांत की खबर सुनकर दुख हुआ।

कानूनी मसलों पर तगड़ी पकड़ रखने वाले भूषण भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर आवाज माने जाते थे। भूषण का नाता सियासी दलों से भी रहा है। दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना में उनका बड़ा हाथ था। वह और उनके बेटे प्रशांत भूषण आप के संस्थापक सदस्यों में से थे।

हालांकि, उनका पार्टी के साथ लगाव और कनेक्शन अधिक दिनों तक न रह पाया और कुछ समय बाद उनकी राहें अलग हो गई थीं। वैसे, वह कभी कांग्रेस (ओ) के सदस्य थे और फिर जतना पार्टी का हिस्सा बने। अपने पॉलिटिकल करियर में उनको राज्यसभा सांसद बनने का मौका भी मिला, जबकि बाद में छह साल तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से भी उनके ताल्लुकात रहे।

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अभिषेक गुप्ता author

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