Senthil Balaji Arrest: हमें डराने की कोशिश करेंगे, तो नतीजों का सामना नहीं कर पाएंगे, स्टालिन ने दी BJP को चेतावनी
Senthil Balaji Arrest: तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी (Senthil Balaji) की गिरफ्तारी के बाद सीएम एमके स्टालिन ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि डीएमके को धमकाने की कोशिश करने के खिलाफ चेतावनी दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन
Senthil Balaji Arrest: तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी (Senthil Balaji) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (MK Stalin )ने बीजेपी को डीएमके को धमकाने की कोशिश करने के खिलाफ चेतावनी दी। अगर आप हमें डराने की कोशिश करेंगे तो आप नतीजों का सामना नहीं कर पाएंगे। स्टालिन ने गुरुवार को जारी एक वीडियो में कहा कि यह धमकी नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। स्टालिन ने बीजेपी को चेतावनी दी कि वह डीएमके को गलत पक्ष पर न थोपें। अगर बीजेपी प्रवर्तन निदेशालय की तलाशी के जरिए डीएमके को डराना चाहती है तो उसे निराश होना पड़ेगा। स्टालिन ने कहा कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जनविरोधी राजनीति में लिप्त है और वह ED के जरिए अपनी राजनीति करना चाहती है। ईडी ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के नेता एवं बिजली मंत्री बालाजी को कथित नौकरी के बदले कैश घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 14 जून को गिरफ्तार किया था।
खुल्लमखुल्ला राजनीतिक प्रतिशोध है
स्टालिन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो साझा करते हुए बालाजी के साथ ईडी के व्यवहार को लेकर एजेंसी पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि डीएमके नेता पर इतना ‘मानसिक दबाव’ डाला गया कि उन्हें हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। स्टालिन ने कहा कि ईडी द्वारा बालाजी को कैसे अनुचित तरीके से परेशान किया जा रहा है, इससे आप सभी वाकिफ हैं। यह खुल्लमखुल्ला राजनीतिक प्रतिशोध है और इसमें किसी को कोई संदेह नहीं है। करीब 10 साल पुराने मामले को फिर से निकाला गया, उन पर मानसिक दबाव डाला गया। ईडी की वजह से वह मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर पड़ गए और यहां तक कि उन्हें दिल की गंभीर बीमारी भी हो गई। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रतिशोध भरी राजनीतिक का इससे बड़ा कोई दूसरा उदाहरण हो सकता है?
सेंथिल बालाजी से आतंकवादी की तरह कैद करके पूछताछ की
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बालाजी से किसी शिकायत या फिर संबंधित मामले में अदालत के आदेशानुसार पूछताछ की जाती तो वह गलत नहीं है, लेकिन वह कोई ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो फरार हो सकते हैं। स्टालिन ने कहा कि 5 बार के विधायक बालाजी दूसरी बार मंत्री बने हैं और वे बहुत सारे सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को आतंकवादी की तरह कैद करके पूछताछ करने की क्या जरुरत है। ईडी के अधिकारियों के आने पर उन्होंने उनका पूरा सहयोग किया और कहा कि वह हर बात का स्पष्टीकरण देने को तैयार हैं। इसके बावजूद उन्हें 18 घंटों तक कैद में रखा गया और किसी को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई। जब उनकी हालत काफी बिगड़ गई, तब वे उन्हें अस्पताल ले गए। अगर वे उन पर ध्यान न देते तो यह उनके जीवन के लिए गंभीर खतरा हो सकता था।
क्या देश में कोई अघोषित इमरजेंसी है?
बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि इस तरह की जांच की क्या जल्दबाजी है, क्या देश में कोई अघोषित इमरजेंसी है। स्टालिन ने कहा कि ईडी की कार्रवाई देखकर तो ऐसा ही लगता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो बीजेपी नेतृत्व ईडी के जरिये अपनी राजनीति करना चाहता है, वह लोगों से मेल-मिलाप बढ़ाकर राजनीति नहीं करना चाहते हैं। जनता भी बीजेपी पर विश्वास करने को तैयार नहीं है। लोगों को उन पर तभी विश्वास होगा अगर वह उनके लिए राजनीति करे। बीजेपी की राजनीति जन विरोधी है। स्टालिन ने आरोप लगाया कि बीजेपी उन प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए इनकम टैक्स विभाग, सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करती है, जिनका वह राजनीतिक या चुनावी रूप से मुकाबला नहीं कर सकती।
बीजेपी शासित गुजरात या उत्तर प्रदेश में नहीं जाएंगी केंद्रीय एजेंसियां
उन्होंने अपने दावे का समर्थन करने के लिए शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी या उनके खिलाफ कार्रवाई की ओर इशारा किया। हालांकि, द्रमुक अध्यक्ष ने दावा किया ये केंद्रीय एजेंसियां बीजेपी शासित गुजरात या उत्तर प्रदेश में नहीं जाएंगी।
नौकरी के बदले कैश घोटाले में आरोपी हैं बालाजी
स्टालिन ने दावा किया कि ईडी ने बीजेपी के सत्ता में आने से पहले 10 साल में 112 छापे मारे थे, जबकि वर्ष 2014 में बीजेपी के केंद्र में सत्ता पर काबिज होने के बाद लगभग 3000 बार पर ऐसा किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इस तरह के छापों के बाद बीजेपी में शामिल हुए वे संत बन जाते हैं, क्योंकि ऐसे मामलों में फिर कोई प्रगति नहीं होती। ईडी ने मंत्री बालाजी पर 2014-15 में राज्य के परिवहन उपक्रमों में कथित ‘नौकरी के बदले कैश’ घोटाले में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। बालाजी पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में थे और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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