Food Waste: शादियों के मौसम में हर साल 7 करोड़ 40 लाख टन भोजन की हो जाती है बर्बादी
Food waste: PM मोदी को ये बात को आख़िर ये बात क्यों कहनी पड़ी शादियों में खाने की बहुत बर्बादी होती है । इसके आंकड़े सुनेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे। भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ शादियां होती हैं। इन शादियों में करीब 10 से 20% खाना बर्बाद हो जाता है। इ
भारत में हर साल करीब 1 करोड़ शादियां होती हैं।
Food waste: PM नरेंद्र मोदी का वो प्लान जिसे माना तो शादी में लाखों बच जाएंगे! आपको याद होगा, कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने... देश के लोगों से 'वेड इन इंडिया' की अपील की थी, जो लोग डेस्टिनेशन वेडिंग करने के लिए देश के बाहर जाना पसंद करते हैं, उन लोगों को, पीएम मोदी ने भारत में ही शादी करने की सलाह दी थी ताकि देश का पैसा, देश के लोगों के काम आ सके। लेकिन अब पीएम मोदी..शादियों में खाने की बर्बादी को रोकने के लिए एक नया प्लान बना रहे हैं । आप देखिये कि पीएम मोदी को इस बात की चिंता है कि हमारे देश के लोग शादियों में खाने को खूब बर्बादी करते हैं, थाली में ज़रूरत से ज़्यादा खाना परोस लेते हैं और फिर उसे फेंक देते हैं।
ये समस्या पूरे देश की
हैरानी की बात ये है कि खाने की बर्बादी की ये समस्या पूरे देश की है, गांव हो, शहर हो...अमीर हो...गरीब हो, हर शादी में खाने की खूब बर्बादी होती है। शादी में खाने की बर्बादी को देखते हुए पीएम मोदी ने वाराणसी से एक मुहिम शुरू की है। पीएम मोदी वाराणसी में कुछ ग्रामीण महिला वॉलंटियर्स से संवाद कर रहे थे, इस दौरान पीएम मोदी को खाने की बर्बादी को रोकने का एक आइडिया आया, जिसे पूरे देश के लोगों को अपनाने की ज़रूरत है।
भारत में हर साल करीब 1 करोड़ शादियां
PM मोदी को ये बात को आख़िर ये बात क्यों कहनी पड़ी शादियों में खाने की बहुत बर्बादी होती है । इसके आंकड़े सुनेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे। भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ शादियां होती हैं। इन शादियों में करीब 10 से 20% खाना बर्बाद हो जाता है। इसे आसान भाषा में कहा जाए तो मोटे तौर पर एक शादी में करीब 30 किलो से लेकर 800 किलो तक खाना फेंक दिया जाता है। मतलब एक शादी में जितना खाना फेंक दिया जाता है उससे ही करीब 100 लोगों से लेकर 2 हज़ार लोगों को पेट भरा जा सकता है ।
1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान
हैरानी तो आपको ये सुनकर होगी कि इस बर्बाद हुए खाने से देश को 1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान होता है।
दरअसल हमारे देश में शादियां, समाज में एक स्टेटस सिंबल बन चुकी है. जिसमें लोगों पर अपना प्रभाव दिखाने के लिए लोग अनाप-शनाप खर्चा करते हैं, ज़रूरत से ज़्यादा संख्या में खाना बनवाते हैं ताकि आने वाले मेहमान उस शादी की चर्चा करें और कहें कि 'वाह क्या शादी की है' लेकिन इस तारीफ़ के चक्कर में खाने की बहुत बर्बादी हो जाती है, इसलिए पीएम मोदी लोगों को खाने की बर्बादी रोकने की अपील कर रहे हैं।
10-15 प्रतिशत भोजन की बर्बादी
शादियां सामाजिक स्थिति प्रदर्शित करने का एक मंच बन गई हैं, लोग भव्य शादियों पर दिल खोलकर खर्च करते हैं, और परिणामस्वरूप, बहुत सारा खाना बर्बाद हो जाता है। "लगभग 10-15 प्रतिशत भोजन बर्बाद हो जाता है, न्यूनतम लगभग 30-50 किलोग्राम और अधिकतम 800 किलोग्राम तक। इसका उपयोग औसतन लगभग 100-200 लोगों और अधिकतम 2,000-4,000 लोगों की सेवा के लिए किया जा सकता है,
शादियों में तमाम तरह की कोशिशों के बाद भी खाने की बर्बादी के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं, अभी सिर्फ़ मैंने आपको शादियों में खाने की बर्बादी के आंकड़े बताएं हैं, शादी के अलावा देश भर में खाने की बर्बादी के आंकड़े सुनेंगे तो आपको बहुत दुख और हैरानी हो सकती है क्योंकि लोगों के घरों से लेकर होटल- रेस्टोरेंट्स और दूसरी जगहों से भी खाने की खूब बर्बादी होती है।
- भारत में हर साल 7 करोड़ 40 लाख टन भोजन की बर्बादी हुई।
- ये भारत के कुल अनाज के उत्पादन का करीब 22% है
- यानी देश के आदमी हर साल करीब 50 किलो खाना बर्बाद कर देता है ।
- इस बर्बादी की वजह, खराब मौसम, फूड स्टोरेज की कमी और लोगों की लापरवाही हैं ।
- इसके अलावा भारत में रोजाना करीब 30 से 40% खाना बर्बाद हो जाता है
- बर्बाद हुए खाने की सालाना कीमत देखी जाए तो ये करीब 90 हज़ार करोड़ रुपये बैठती है ।
- खाने की बर्बादी सिर्फ़ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है ।
दो अरब लोगों के खाने की ज़रूरत पूरी हो सकती है
दुनियाभर में हर वर्ष जितना खाना तैयार होता है, उसका एक-तिहाई यानी लगभग 1 अरब 30 करोड़ टन बर्बाद चला जाता है। बर्बाद जाने वाला खाना इतना होता है कि उससे दो अरब लोगों के खाने की ज़रूरत पूरी हो सकती है।
'वर्ल्ड फूड आर्गेनाईज़ेशन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का हर सातवां व्यक्ति भूखा सोता है। भोजन की बर्बादी से न केवल सरकार बल्कि सामाजिक संगठन भी चिंतित हैं। एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है भारत में बढ़ती सम्पन्नता के साथ ही लोग खाने के प्रति असंवेदनशील हो रहे हैं। खर्च करने की क्षमता के साथ ही खाना फेंकने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। आज भी देश में विवाह स्थलों के पास रखे कूड़ाघरों में 40 प्रतिशत से अधिक खाना फेंका हुआ मिलता है।
हर सातवां व्यक्ति भूखा सोता है
'वर्ल्ड फूड आर्गेनाईज़ेशन' की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व का हर सातवां व्यक्ति भूखा सोता है। अगर इस बर्बादी को रोका जा सके तो कई लोगों का पेट भरा जा सकता है। विदित हो कि विश्व भूख सूचकांक 2016 में भारत का 97वाँ स्थान है। देश में हर साल 25.1 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है लेकिन हर चौथा भारतीय भूखा सोता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 23 करोड़ टन दाल, 12 करोड़ टन फल और 21 करोड़ टन सब्जियाँ वितरण प्रणाली में खामियों के कारण खराब हो जाती हैं।
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