अब अलगाववादियों के बच्चे भी मानने लगे खुद को भारतीय, इश्तेहार देकर बोले-हम भी देशभक्त
Jammu Kashmir: गिलानी के दामाद अलताफ अहमद शाह ऊर्फ अलताफ फंटूश की बेटी रुवा शाह ने उनके दिवंगत नाना द्वारा स्थापित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस गुट से खुद को अलग करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है।
अलगाववादी राजनीति से दूर होने की घोषणा।
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बदलाव किस कदर हो रहा है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि वर्षों तक घाटी में अलगाव की आग सुलगाने वाले अलगाववादियों के बच्चे भारत के प्रति निष्ठा जताने लगे हैं। उन्होंने खुद को अलगाववादी राजनीति एवं सोच से दूर कर लिया है। जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की बेटी समा शब्बीर और हुर्रियत गुट के सैयद अली शाह गिलानी की पोती रुवा शाह ने कश्मीर के स्थानीय अखबार में इश्तेहार देकर खुद को अलगाववादी विचारधारा से अलग होने का ऐलान किया है। इन दोनों लड़कियों ने 'भारत की संप्रभुता के प्रति अपनी निष्ठा की घोषणा की है'।
'हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की विचारधारा के प्रति झुकाव नहीं'
गिलानी के दामाद अलताफ अहमद शाह ऊर्फ अलताफ फंटूश की बेटी रुवा शाह ने उनके दिवंगत नाना द्वारा स्थापित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस गुट से खुद को अलग करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की विचारधारा के प्रति उनका कोई झुकाव या सहानुभूति नहीं है। इस सप्ताह की शुरुआत में स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित नोटिस में शाह ने कहा, 'मैं भारत की एक वफादार नागरिक हूं और ऐसे किसी संगठन या संघ से संबद्ध नहीं हूं जिसका भारत संघ के खिलाफ एजेंडा है और मैं अपने देश (भारत) के संविधान के प्रति निष्ठा रखती हूं।'
तिहाड़ जेल में शब्बीर शाह
आतंकवाद के लिए वित्त पोषण के आरोप में जेल में बंद रुवा के पिता की पिछले साल लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई थी। एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित एक अलग सार्वजनिक नोटिस में कश्मीर की पूर्व सीबीएसआई टॉपर 23 वर्षीय समा शबीर ने बृहस्पतिवार को एक वफादार भारतीय नागरिक के रूप में अपनी स्थिति पर जोर दिया और स्पष्ट रूप से अपने पिता द्वारा स्थापित प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन से खुद को दूर कर लिया। शब्बीर शाह वर्तमान में धन शोधन व आतंकी वित्तपोषण के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में है।
मैं भारत की वफादार नागरिक-समा
शाह की बड़ी बेटी समा ने नोटिस में कहा, 'मैं भारत की एक वफादार नागरिक हूं और मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति या संगठन से संबद्ध नहीं हूं जो भारत संघ की संप्रभुता के खिलाफ है।' समा शब्बीर ने कहा, 'मैं किसी भी तरह से डीएफपी या इसकी विचारधारा से जुड़ी नहीं हूं।' उन्होंने चेतावनी दी कि बिना अनुमति के उन्हें अलगाववादी समूह से जोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
2017 में ईडी ने शब्बीर शाह को गिरफ्तार किया
शब्बीर अहमद शाह (70) को 2017 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आतंकवाद के लिए वित्तपोषण से जुड़ी कथित धन शोधन गतिविधियों को लेकर गिरफ्तार किया था। बाद में इसी आरोप पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण द्वारा भी उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। यह मामला 2005 की घटना से उपजा था जिसमें एक कथित हवाला कारोबारी मोहम्मद असलम वानी को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने काफी मात्रा में नकदी के साथ पकड़ा था, जो कथित तौर पर शाह के लिए थी। मामले के सिलसिले में समा को 2019 में ईडी ने तलब किया था, लेकिन वह उस समय पेश नहीं हुईं क्योंकि वह ब्रिटेन में कानून की पढ़ाई कर रही थीं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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