'हम सरकार से टकराव नहीं चाहते', प्रदर्शनकारी किसानों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोले; तो मार्च एक दिन के लिए स्थगित
Kisan Andolan: हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने शुक्रवार को शंभू बार्डर पर बहुस्तरीय बैरिकेड के पास पहुंचे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। आंसू गैस के गोले से कुछ किसानों के घायल होने के बाद मार्च एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। आपको बताते हैं कि फिलहाल शंभू बॉर्डर पर कैसे हालात है?
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर
Farmers Protest: पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा दागे गए आंसूगैस के गोले के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया। पंधेर ने कहा, ‘‘कुछ किसानों के घायल होने के मद्देनजर हमने आज के लिए जत्था वापस बुला लिया है।’’ किसान नेता ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण पांच से छह प्रदर्शनकारी किसान घायल हो गए।
हम सरकार से टकराव नहीं चाहते- किसान नेता
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि "अब 101 किसानों का जत्था 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर कूच करेगा। कल का दिन केंद्र सरकार से बातचीत के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा है कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं, इसलिए हम कल तक इंतजार करेंगे। हम चाहते हैं कि बातचीत हो। हम सरकार से टकराव नहीं चाहते, हम शांतिपूर्ण रहेंगे।"
शंभू बॉर्डर से 101 किसानों के एक जत्थे ने किया पैदल मार्च
उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के दो मंच संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा, एक बैठक के बाद अगले कदम के बारे में फैसला करेंगे। पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद ही बहुस्तरीय अवरोधक लगाकर रोक दिया गया।
विरोध करने वाले किसानों पर दागे गए आंसूगैस के गोले
सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने और उन्हें अपने विरोध स्थल पर वापस जाने को मजबूर करने के लिए कई राउंड आंसूगैस के गोले दागे। किसान नेताओं ने दावा किया कि कुछ किसान घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे न बढ़ने को कहा और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया।
अंबाला जिला प्रशासन ने जिले में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। किसान फसलों के वास्ते न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं। विभिन्न किसान यूनियन के झंडे थामे कुछ किसानों ने घग्गर नदी पर बनाए गए पुल पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई लोहे की जाली को नीचे धकेल दिया।
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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