शंकर नेत्रालय के संस्थापक व पद्म विभूषण एसएस ब्रदीनाथ का निधन, 83 की उम्र में ली अंतिम सांस

SS Badrinath passes away: डॉ. ब्रदीनाथ के शंकर नेत्रालय में रोजाना करीब 1200 रोगियों की देखभाल की जाती है, इतना ही नहीं यहां हर रोज लगभग 100 से ज्यादा सर्जरी भी होती हैं।

SS Bradinath

एसएस ब्रदीनाथ का निधन

SS Badrinath passes away: चेन्नई में शंकर नेत्रालय के संस्थापक व पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. एसएस ब्रदीनाथ का आज यानी मंगलवार को निधन हो गया। उन्हेंने 83 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। तमिलनाडु कांग्रेस के उपाध्यक्ष राम सुगंथन ने डॉ. बद्रीनाथ के निधन की पुष्टि की है। उन्होंने भारतीय सेना में ऑपथैल्मोलॉजी के रूप में भी काम किया है और वे सेना के एक नॉन-ऑफिशियल मेंबर भी थे।

डॉ. ब्रदीनाथ को चैरिटेबल आई केयर उपलब्ध कराने के लिए पद्मश्री, पद्म भूषण व पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके आलवा उन्हें अन्नामलाई और डॉ.एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया था।

बचपन में ही माता-पिता को खोया

डॉ. ब्रदीनाथ का जन्म 1940 में चेन्नई में हुआ था। उन्होंने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया। इसके बाद उन्होंने चिकित्सा विज्ञान में अपना करियर बनाने के लिए अपने माता-पिता के बीमा राशि का उपयोग किया। नेत्र विज्ञान में उनकी यात्रा न्यूयॉर्क में इंटर्नशिप के साथ शुरू हुई। 1978 में डॉ. बद्रीनाथ भारत लौटे और उन्होंने आर्थिक रूप से वंचित लोगों को नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा प्रदान करने के उद्देश्य से एक गैर-लाभकारी नेत्र अस्पताल, शंकर नेत्रालय की स्थापना की।

1200 रोगियों को मुफ्त होता है इलाज

डॉ. ब्रदीनाथ के शंकर नेत्रालय में रोजाना करीब 1200 रोगियों की देखभाल की जाती है, इतना ही नहीं यहां हर रोज लगभग 100 से ज्यादा सर्जरी भी होती हैं। बता दें, शंकर नेत्रालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मानव सेवा और नेत्र चिकित्सा में शोध के उद्देश्य से की गई थी।

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