Exclusive: शंकराचार्य..'मोदी विरोधी'? जानिए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्य जगद्गुरु सदानंद सरस्वती ने क्या कहा
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: शारदा मठ, द्वारका के शंकराचार्य जगद्गुरु सदानंद सरस्वती ने टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नविका कुमार के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की ये तारीख सनातन के लिए शुभ लक्षण है।
शारदा मठ, द्वारका के शंकराचार्य जगद्गुरु सदानंद सरस्वती का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: आज से अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त शुरू हो गया। 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा का विधि-विधान शुरू होने की आधिकारिक घोषणा हो गई है। 16 जनवरी से लेकर 21 जनवरी के बीच प्राण प्रतिष्ठा के पहले के सभी नियमों का विधि-विधान से पालन होगा। 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना राम यज्ञ पूरा कर रहे हैं तो कितने विघ्न आएंगे...ये सवाल पब्लिक पूछ रही है? आपको याद होगा कि पिछले हफ्ते कांग्रेस ने कहा था कि चारों शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में हैं।
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शंकराचार्य जगद्गुरु सदानंद सरस्वती का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
लेकिन आज शारदा मठ, द्वारका के शंकराचार्य जगद्गुरु सदानंद सरस्वती ने टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नविका कुमार के साथ EXCLUSIVE इंटरव्यू में कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की ये तारीख सनातन के लिए शुभ लक्षण है। उन्होंने न तो नरेंद्र मोदी के द्वारा प्राण प्रतिष्ठा का विरोध किया, ना तारीख पर कोई सवाल किया और ना इन आरोपों को तवज्जो दिया कि मंदिर आधा-अधूरा है। उन्होंने क्या कहा जानिए...
सवाल- क्या आप प्राण प्रतिष्ठा में जाएंगे ?
जवाब- राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास की ओर से हमें निमंत्रण प्राप्त हुआ है। और ये सैकड़ों वर्ष की इच्छा, सनातन धर्मावलंबियों की पूरी हो रही है, ये समस्त देशवासियों के लिए प्रसन्नता का विषय है। जाना तो संभव नहीं हो पाएगा, लेकिन दर्शन करने जरूर जाएंगे। यह कार्य बहुत पहले होना था, नहीं हो पाया है, आज यह अवसर आया है। परमात्मा जिससे जो काम करवानाचाहता है वो उन्हें निमित्त बना लेता है।
सवाल- पीएम का गर्भगृह में होना क्या ये शास्त्रों के अनुसार है?
जवाब- यह जो कार्यक्रम है राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास के द्वारा आयोजित है, और इस समय देश की कोई भी सरकार होती.. उस सरकार को उसमें शामिल करके व्यवस्था करनी ही होती है, ये सरकार का उत्तरदायित्व है। राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ने जो निर्णय लिया होगा, वो धर्म शास्त्र के अनुसार ही लिया होगा।
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