क्या महाराष्ट्र में मणिपुर जैसे हालात हो जाएंगे? शरद पवार ने क्यों जताई चिंता; क्या है माजरा

Maharashtra Politics: शरद पवार ने महाराष्ट्र में मणिपुर जैसी अशांति की आशंका पर चिंता जताई है। पिछले साल मई से ही मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और कुकी आदिवासियों के बीच बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। जिसके बाद विपक्ष ने मोदी सरकार को जमकर कोसा, अब पवार ने इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है।

शरद पवार।

Sharad Pawar vs Amit Shah: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में मणिपुर जैसी अशांति की आशंका पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि देश के विकास के लिए सामाजिक एकता जरूरी है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह ऐसा क्यों सोचते हैं। नवी मुंबई में सामाजिक एकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने मणिपुर में जातीय संघर्ष से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके की भी आलोचना की।

अब तक 200 से अधिक लोग मारे गए

मणिपुर में पिछले साल मई में शुरू हुए जातीय संघर्ष में अब तक 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। पवार ने ऐसा सोचने का कारण नहीं बताया। हालांकि उनकी यह टिप्पणी मराठा-ओबीसी आरक्षण विवाद को लेकर समुदायों के बीच 'मनमुटाव' और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा हाल ही में अपनी आलोचना किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है। शाह ने पवार को 'भ्रष्टाचार सरगना' करार दिया था।

'महाराष्ट्र में ऐसी घटना की चिंता बढ़ी'

शरद पवार ने कहा, "प्रधानमंत्री को पूर्वोत्तर राज्य में सामाजिक अशांति के मद्देनजर मणिपुर का दौरा करने और लोगों को सांत्वना देने की कभी जरूरत महसूस नहीं हुई। पड़ोसी राज्यों में भी ऐसी घटनाएं हुईं, खासकर कर्नाटक में भी ऐसी ही चीजें हुईं।" उन्होंने कहा, "हाल के दिनों में राज्य (महाराष्ट्र) में इस बात की चिंता है कि ऐसी घटना हो सकती है।" पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी दावा किया कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में "चिंता का माहौल" व्याप्त है। उन्होंने कहा, "हमारे राज्य में भी स्थिति इसी ओर (सामाजिक सरोकार) मुड़ी हुई है। समाज में एकता बनाने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है और वह ऐसा नहीं कर रही है। सामाजिक एकता को भंग होने से रोकने के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए।"
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