नगालैंड में गठबंधन सरकार को समर्थन पर शरद पवार बोले, हम BJP के नहीं रियो के साथ हैं

Sharad Pawar News : पवार ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि रियो को समर्थन भाजपा को समर्थन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। मुंबई में एक कार्यक्रम से इतर प्रत्रकारों के सवाल पर एनसीपी प्रमुख कहा, 'यह कि हम भाजपा को समर्थन दे रहे हैं, यह सोचना गलत है। हमने रियो के साथ हाथ मिलाया है, भाजपा के साथ नहीं।'

दो मार्च को आए नगालैंड के चुनाव नतीजे।

Nagaland News : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन सरकार को अपना समर्थन देने की घोषणा के बाद पहली बार बयान दिया है। रांकापा नेता ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले समर्थन दिए जाने को लेकर उनकी रियो के साथ 'बातचीत' हो चुकी थी। नगालैंड में विधानसभा की 60 सीटें हैं। दो मार्च को आए चुनाव नतीजों में यहां एनसीपी के 7 उम्मीदवार जीते। जबकि एनडीपीपी और भाजपा को 37 सीटें मिलीं। चुनाव में एनडीपीपी के 25 और भाजपा के 12 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। राज्य में भाजपा और एनडीपीपी का चुनाव पूर्व गठबंधन था।

चुनाव से पहले रियो से हमारी बात हो चुकी थी-पवाररिपोर्टों के मुताबिक पवार ने कहा, 'चुनावों से पहले समर्थन दिए जाने को लेकर रियो के साथ हमारी बातचीत हो चुकी थी। एनसीपी को सरकार में शामिल होना चाहिए या विपक्ष में बैठना चाहिए, इस पर भी लंबी बहस हुई थी। नगालैंड के व्यापक हित में एनसीपी ने रियो को समर्थन देने का फैसला किया है।' वहीं एनसीपी के प्रवक्ता नरेंद्र वर्मा ने कहा कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक चाहते हैं कि राज्य के व्यापक हित को देखते हुए एनसीपी को सरकार में शामिल होना चाहिए। सरकार में शामिल होने के बारे में अंतिम फैसला शरद पवार करेंगे।

'हमने रियो के साथ हाथ मिलाया है'पवार ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि रियो को समर्थन भाजपा को समर्थन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। मुंबई में एक कार्यक्रम से इतर प्रत्रकारों के सवाल पर एनसीपी प्रमुख कहा, 'यह कि हम भाजपा को समर्थन दे रहे हैं, यह सोचना गलत है। हमने रियो के साथ हाथ मिलाया है, भाजपा के साथ नहीं।' पवार ने कहा कि साल 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी लेकिन सरकार बनाने के लिए उसके पास जरूरी बहुमत नहीं था, ऐसे में एनसीपी ने उसे बाहर से समर्थन देने का निर्णय लिया, तब जाकर देवेंद्र फड़णवीस सीएम बन पाए।

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