महाराष्ट्र चुनाव से पहले कौन कर रहा दंगा फैलाने की कोशिश? राज ठाकरे ने उद्धव और शरद पवार पर लगाया गंभीर आरोप
Maharashtra Politics: राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और दिग्गज नेता शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए ये कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दंगा फैलाने के लिए उद्धव और शरद मराठा आरक्षण आंदोलन के इस्तेमाल की कोशिश में हैं। आपको बताते हैं कि राज ने क्या कुछ कहा।
राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार पर लगाया गंभीर इल्जाम।
Raj Thackeray vs Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को आरोप लगाया कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे विधानसभा चुनाव से पहले, खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र में दंगे भड़काने के लिए मराठा आरक्षण आंदोलन का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। राज ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उद्धव और पवार मनोज जरांगे के नेतृत्व वाले आरक्षण आंदोलन को जातिगत राजनीति के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
शरद पवार और उद्धव ठाकरे पर बरसे राज ठाकरे
राज ठाकरे ने मराठवाड़ा यात्रा के समापन के दिन कहा, 'उनके (जरांगे) आंदोलन को ढाल बनाकर शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे लोग मराठवाड़ा में राजनीति कर रहे हैं।' कल बीड़ से जब राज ठाकरे का काफिला गुजर रहा था तब कुछ कार्यकर्ताओं ने उन पर सुपारी फेंकी थी। संदेह है कि ऐसा करने वाले शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता थे। इस संबंध में शिवसेना (यूबीटी) के चार कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया है।
लोकसभा चुनाव को लेकर क्या बोले उद्धव के भाई
मनसे प्रमुख ने इस घटना का जिक्र करते हुए दावा किया कि (बीड के) जिला शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने जरांगे के प्रति अपनी निष्ठा दिखाने के लिए जातिवादी नारे लगाए थे। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) अगर उनके दौरे के दौरान बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करेंगी तो वे खुद महाराष्ट्र में एक भी रैली नहीं कर पाएंगी। इससे पहले दिन में, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने माना कि राज ठाकरे के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोग ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के पदाधिकारी हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि शुक्रवार के प्रदर्शन से शिवसेना (यूबीटी) का कोई लेना-देना नहीं है।
राज ठाकरे ने दावा किया कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं ने आंदोलन का नेतृत्व किया। इस बीच, राज ठाकरे ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम और दलित वोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चले गए, क्योंकि उन्हें संविधान पर विपक्ष के बयान पर विश्वास हो गया। सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने कहा था कि इस झूठे विमर्श ने चुनाव में राजग की संभावना को प्रभावित किया कि यदि भाजपा फिर सत्ता में आई तो वह संविधान बदल देगी। हालांकि, मनसे प्रमुख ने दावा किया कि संविधान बदलने का विमर्श फर्जी नहीं था। उन्होंने कहा कि कुछ भाजपा नेताओं ने ऐसा बोला था।
मराठवाड़ा में एक भी सीट नहीं जीत पाई भाजपा
मराठा आरक्षण आंदोलन के केंद्र मराठवाड़ा क्षेत्र में भाजपा एक भी लोकसभा सीट जीतने में विफल रही। राज ठाकरे ने दावा किया, '(लोकसभा में) विपक्ष के प्रति मतदान इसलिए नहीं था कि (लोगों का) उनके (विपक्षी दलों) प्रति प्यार था। वे (उद्धव और शरद पवार) सोचते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही चाल चली जानी चाहिए।' उन्होंने आरोप लगाया कि यह सुनिश्चित करने के बजाय कि महाराष्ट्र में जाति की राजनीति नहीं हो, शरद पवार इसका समर्थन कर रहे हैं।
मनसे प्रमुख ने आरोप लगाया कि शरद पवार ने महाराष्ट्र में आरक्षण गतिरोध को हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने अच्छे संबंधों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब शिवसेना (अविभाजित) 2014 से 2019 तक भाजपा के साथ गठबंधन में थी, तब उद्धव ठाकरे ने भी मराठा आरक्षण के लिए पैरवी नहीं की।
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