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महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद शरद पवार ने लगा दिया सनसनीखेज आरोप, 'सत्ता और धन का हुआ दुरुपयोग'

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद विपक्षी दलों के नेताओं में सन्नाटा पसरा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो चुका है। इसी बीच शरद पवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए ये दावा किया है कि महाराष्ट्र में चुनावी तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का दुरुपयोग हुआ।

Sharad PawarSharad PawarSharad Pawar

शरद पवार

Sharad Pawar's Big Claim: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में पूरे चुनावी तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का दुरुपयोग हुआ जो पहले कभी किसी विधानसभा या राष्ट्रीय चुनाव में नहीं देखा गया। पवार ने यह बयान सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बाबा आढाव से मुलाकात के दौरान दिया। आढाव महाराष्ट्र में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कथित रूप से ‘‘ईवीएम के दुरुपयोग’’ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। आढाव (90) ने बृहस्पतिवार को समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के पुणे स्थित निवास ‘फुले वाडा’ में अपना तीन दिवसीय प्रदर्शन शुरू किया।

चुनाव में विपक्षी दलों को भाजपा ने दी करारी शिकस्त

विपक्षी महाविकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगी दलों कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) ने हाल में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इस चुनाव में महायुति को भारी जीत मिली है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने 288 सीट में से 230 सीट पर जीत दर्ज की। कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) के विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने सामूहिक रूप से केवल 46 सीट जीतीं।

ईवीएम को लेकर शरद पवार ने किया बड़ा दावा

शरद पवार ने पत्रकारों से कहा कि कुछ नेताओं ने ईवीएम में वोट डाले जाने के संबंध में जो दावे किए हैं उनमें कहीं न कहीं कुछ सच्चाई है, लेकिन उनके पास इन दावों को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नही है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में यह सुगबुगाहट है कि महाराष्ट्र में हाल में हुए चुनाव में ‘सत्ता का दुरुपयोग’ और ‘बड़ी मात्रा में धन का इस्तेमाल’ हुआ जो पहले कभी नहीं देखा गया। स्थानीय स्तर के चुनावों में ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं, लेकिन धन की मदद से पूरे चुनावी तंत्र पर कब्जा और सत्ता का दुरुपयोग पहले कभी नहीं देखा गया। बहरहाल, हमने महाराष्ट्र में ऐसा देखा और लोग अब बेचैन हैं।’’

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