मोदी सरकार के रूख के समर्थन आए शशि थरूर! बोले- जिन्ना ने भी 'इंडिया' नाम पर जताई थी आपत्ति

जी20 समिट में रात्रिभोज के निमंत्रण में भेजे गए पत्र में प्रेजीडेंट ऑफ भारत लिखे होने पर सियासत तेज हो गई। विपक्षी दल कहने लगे कि सरकार संविधान से इंडिया शब्द हो हटाने जा रही है। इसी बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि इंडिया को ‘भारत’ कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्ना ने भी 'इंडिया' नाम पर आपत्ति जताई थी।

प्रेजीडेंट ऑफ भारत लिखने पर शशि थरूर ने दी प्रतिक्रिया (तस्वीर-BCCL)

जी20 समिट में रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में प्रेजीडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेजीडेंट ऑफ भारत लिखे होने के बाद बवाल मच गया। विपक्षी दलों ने सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह संविधान में बदलाव करना चाहती है। इसलिए इंडिया की जगह भारत लिखा है। कुछ राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' से इतना डर गए हैं कि संविधान से ही इंडिया शब्द को हटाने जा रहे हैं। इस बीच ‘प्रेजीडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर जी20 रात्रिभोज का निमंत्रण भेजे जाने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि इंडिया को ‘भारत’ कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सरकार इतनी 'मूर्ख' नहीं होगी कि ‘इंडिया’ को पूरी तरह से त्याग दे, जिसकी बड़ी ‘ब्रांड वैल्यू’ है। कांग्रेस सांसद ने यह भी दावा किया कि यह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना थे जिन्होंने इंडिया नाम पर आपत्ति जताई थी क्योंकि इसका तात्पर्य यह था कि हमारा देश ब्रिटिश राज का उत्तराधिकारी राष्ट्र था और पाकिस्तान एक अलग राष्ट्र था।

जी20 से संबंधित रात्रिभोज के निमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत (भारत के राष्ट्रपति)’ के तौर पर संबोधित किए जाने को लेकर मंगलवार को बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार देश के दोनों नामों ‘इंडिया’ और ‘भारत’ में से ‘इंडिया’ को बदलना चाहती है।

थरूर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि इंडिया को 'भारत' कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, जो कि देश के दो आधिकारिक नामों में से एक है। मुझे उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि उस 'इंडिया' नाम को पूरी तरह से ख़त्म कर दे, जिसकी सदियों से एक बड़ी ब्रांड वैल्यू बनी हुई है।

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