Congress presidential Election: थरूर को अपनों ने भी दिया दगा... आखिर क्यों G-23 कर रहा 'विरोधी' खड़गे का समर्थन
Congress presidential Election: मल्लिकार्जुन खड़गे की जब उम्मीदवारी की घोषणा हुई और उन्होंने नॉमिनेशन फॉर्म भरा, तभी ये साफ हो गया था कि शशि थरूर का अपना जी-23 ग्रुप उनका साथ छोड़ चुका है। कांग्रेस के जिन नेताओं ने खड़गे की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया था, उनमें से कई नेता जी 23 ग्रुप से थे।
शशि थरूर का अपनों ने भी छोड़ा साथ (फाइल फोटो)
- कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 17 अक्टूबर को मतदान और 19 को रिजल्ट
- जीते कोई भी इस बार कांग्रेस का अध्यक्ष दक्षिण भारत से तय
- गांधी परिवार ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से बना रखी है दूरी
जी-23 की कहानी
शशि थरूर कांग्रेस के उन बागी नेताओं की लिस्ट में शामिल थे, जिन्होंने अगस्त 2020 में कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए परिवर्तन की मांग की थी। इसके लिए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी गई थी। इस चिट्ठी के बाद बवाल हुआ और ये नेता गांधी परिवार के करीबियों के निशाने पर आ गए। इनमें से कई नेता आज पार्टी छोड़ चुके हैं। कोई दूसरी पार्टी में शामिल हो गया तो किसी ने अपनी पार्टी बना ली, लेकिन कुछ अभी भी कांग्रेस में हैं और विरोध का बिगुल बजाते रहते हैं। इस ग्रुप के नेताओं में से एक कपिल सिब्बल सपा में जा चुके हैं, गुलाम नबी आजाद अपनी पार्टी बना चुके हैं। इन्हीं दोनों को इस ग्रुप का नेतृत्वकर्ता कहा जाता था।
कौन-कौन थे जी-23 में
इस ग्रुप में गुलाम नबी आजाद, शशि थरूर, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजिंदर कौर भट्टल, एम वीरप्पा मोइली, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, अखिलेश प्रसाद सिंह, कौल सिंह ठाकुर, कुलदीप शर्मा, राज बब्बर, योगानंद शास्त्री, अरविंदर सिंह लवली, संदीप दीक्षित, अजय सिंह, विवेक तन्खा और पृथ्वीराज चव्हाण का नाम शामिल था।
इस चुनाव में क्या हुआ
जी-23 गुट की सबसे बड़ी मांग थी अध्यक्ष पद पर चुनाव हो। अब चुनाव हो रहा है। इस ग्रुप से सबसे पहले शशि थरूर ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इसके मनीष तिवारी का नाम भी हवा में उछला, मुकुल वासनिक के नाम पर भी अटकलें लगीं, लेकिन थरूर के अलावा और कोई चुनावी मैदान में नहीं उतरा। लगा कि जी-23 अपने समूह के नेता शशि थरूर का ही समर्थन करेगा, लेकिन हुआ उलट और उसने 'विरोधी' मल्लिकार्जुन खड़गे को शुरू में ही समर्थन देने की घोषणा कर दी। ये घोषणा थरूर के लिए एक बहुत बड़ा झटका था।
क्या कहा जी-23 गुट ने
जी-23 गुट में जो नेता बच गए हैं उनमें बड़े नामों में से एक मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस में स्थिरता के लिए वो लोग खड़गे का समर्थन कर रहे हैं। मनीष तिवारी ने कहा- "खड़गे ने कई साल बिताए हैं, पार्टी में सबसे निचले पदों से ऊपर की ओर बढ़े हैं। कांग्रेस को स्थिरता की जरूरत है जो मुझे लगता है कि ये खड़गे प्रदान कर सकते हैं..."
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