मौसम चक्र में आ रहा बदलाव, क्या आपने भी महसूस किया? सर्दियों के दिन हुए कम, गर्मी का दौर बढ़ा
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिसंबर असामान्य रूप से गर्म था, पूरे महीने दिल्ली में कोई शीत लहर नहीं थी। 2017 के बाद पहली बार ऐसा हुआ।
सर्दियां पिछले एक दशक में कम और अधिक तेज हुई
क्या आपने भी महसूस किया है कि पिछले कुछ वर्षों से मौसम का चक्र बदलने लगा है? गर्मी का दौर देर तक रहने लगा है और बहुत कम समय के लिए रिकॉर्डतोड़ ठंड पड़ रही है। पिछले कुछ सालों से मौसम में बदलाव का ऐसा ही पैटर्न देखने को मिल रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े भी इस ओर इशारा करते हैं। संबंधित खबरें
सर्दियां पिछले एक दशक में कम और अधिक तेज हुई
उत्तर-पश्चिम भारत में सर्दियां पिछले एक दशक में कम और अधिक तेज हो गई है। दिल्ली में दिसंबर में कम शीत लहर और ठंडे दिन देखे जा रहे हैं, लेकिन जनवरी में ठंड रिकॉर्ड तोड़ रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से पता चलता है कि मौसम चक्र किस कदर बदल रहा है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि ये ट्रेंड जलवायु संकट का प्रभाव हो सकता है। आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में पिछले कुछ सीजन से सर्दी देर से पहुंची है, जबकि जनवरी में प्रचंड ठंड पड़ गई। संबंधित खबरें
उत्तर-पश्चिम भारत में सर्दियां नवंबर के मध्य से फरवरी तक
आईएमडी कैलेंडर के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में सर्दियां नवंबर के मध्य से फरवरी तक होती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि दिसंबर के मध्य से इन हिस्सों में औसत सर्दी का मौसम तेज होने की संभावना रहती है। भारतीय मौसम कार्यालय तापमान में तेज गिरावट को वर्गीकृत करने के लिए दो श्रेणियों का उपयोग करता है- एक ठंडा दिन और एक शीत लहर। पहली स्थिति में जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो। दूसरा स्थिति तब होती है जब या तो किसी क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर जाता है या सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। संबंधित खबरें
पिछले साल दिसंबर असामान्य रूप से गर्म था
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिसंबर असामान्य रूप से गर्म था, पूरे महीने दिल्ली में कोई शीत लहर नहीं थी। 2017 के बाद पहली बार ऐसा हुआ। इसकी तुलना में राजधानी ने दिसंबर 2021 में चार और 2020 में सात शीत लहर देखी थी। शीत लहर के दिनों की संख्या भी पिछले कुछ वर्षों में कम होती जा रही है। दिल्ली में पिछले दिसंबर में सिर्फ दो सर्द दिन रहे थे। 2021 में शहर में केवल एक ठंडा दिन दर्ज किया गया और 2020 में दो ठंडे दिन दर्ज किए गए। रिकॉर्ड बताते हैं कि 1990 और 2010 के बीच दिल्ली में हर दिसंबर में औसतन आठ से नौ शीत लहर के दिन और 12-15 ठंडे दिन दर्ज किए गए।संबंधित खबरें
जनवरी में तापमान में भारी गिरावट
हालांकि, हाल के वर्षों में अपेक्षाकृत गर्म दिसंबर के बाद जनवरी में तापमान में भारी गिरावट देखी जा रही है। आईएमडी के अनुसार, इस जनवरी में दिल्ली में आठ ठंडे दिन दर्ज किए गए, जो पिछले 15 वर्षों में इस महीने में सबसे अधिक और 1992 के रिकॉर्ड में दूसरे स्थान पर है। दिल्ली ने भी इस जनवरी में एक दशक में अपनी सबसे लंबी शीत लहर देखी। ये था 5 जनवरी से 9 जनवरी तक। पिछले पांच सालों में यह पहली बार नहीं है जब जनवरी में शहर में अत्यधिक तापमान दर्ज किया गया हो। 1 जनवरी 2021 को राजधानी में न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो 14 वर्षों में दिल्ली के लिए सबसे कम है।संबंधित खबरें
कम सर्दियों के पीछे कई स्थानीय और वैश्विक कारक
आईएमडी के अनुसार, जनवरी को वर्ष का सबसे तीव्र सर्दियों का महीना माना जाता है, लेकिन वैज्ञानिक इस बात से सहमत थे कि एक दशक पहले तक सर्दियों का मौसम नवंबर और जनवरी के अंत के बीच अब की तुलना में अधिक समान रूप से फैला हुआ था। मौसम पूर्वानुमानकर्ताओं ने कहा कि इस क्षेत्र में कम और गर्म सर्दियों के इस चलन के पीछे कई स्थानीय और वैश्विक कारक हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि इन बदलावों को सीधे जलवायु संकट से नहीं जोड़ा जा सकता है। संबंधित खबरें
फरवरी में ही तापमान 30 डिग्री सेल्सियस पहुंचा
मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में फरवरी के पहले ही दिन से तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज करना शुरू कर दिया है, अन्य हिस्सों में फरवरी के अंत तक ऐसा ही होने की उम्मीद रहती है। आंकड़े बताते हैं कि फरवरी में हाल के दिनों में ही इतना उच्च तापमान दर्ज किया गया है। 2021 में 23 से 27 फरवरी के बीच 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया था, जिसमें अधिकतम तापमान 25 फरवरी को 33.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। 2018 में भी पांच मौकों पर पारा 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चढ़ा था।संबंधित खबरें
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अमित कुमार मंडल author
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