शिवसेना के लिए उम्मीदें अभी भी बाकी, सुप्रीम कोर्ट में दो हफ्ते बाद होगी SLP पर सुनवाई

उद्धव ठाकरे ने 21 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न तीर और कमान शिंदे गुट को दे दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना नाम और चुनाव चिह्न मामले में उद्धव ठाकरे को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है। शीर्ष अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। हालांकि. शिवसेना उद्धव गुट के लिए उम्मीदें अभी भी बाकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में दो हफ्ते बाद स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) पर सुनवाई होगी।

उद्धव ठाकरे कर सकते हैं पार्टी के तमाम कामसुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल उद्धव ठाकरे शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम के साथ पार्टी के तमाम काम कर सकते हैं। उद्धव खेमे के नेता अनिल परब ने कहा कि कोर्ट ने किसी भी विधायक के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत में यथास्थिति बरकरार रखने की अपील दायर की गई, लेकिन अदालत ने स्पेशल लीव पीटिशन (SLP) पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करने का फैसला लिया है।

अनिल परब ने कहा, एसएलपी में हमने मांग की थी कि शिंदे गुट को आवंटित चुनाव चिह्न और नाम के संबंध में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश पारित किया जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी और तब तक उद्धव ठाकरे का खेमा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नाम के साथ अपनी सियासी गतिविधियां जारी रख सकते हैं।

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