Shiv Sena: उद्धव ठाकरे गुट को लगा एक और बड़ा झटका, अब संसद का दफ्तर भी हाथ से निकला
चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते शिंदे गुट को मूल शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी, साथ ही चुनावों में "धनुष और तीर" सिंबल का उपयोग करने की अनुमति भी दी थी।
उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना को एक के बाद एक झटके लगने का सिलसिला जारी है। अब पार्टी के हाथ से संसद का पार्टी दफ्तर भी निकल गया है। लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि संसद में शिवसेना का कार्यालय पार्टी के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को आवंटित किया गया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले द्वारा लिखे गए एक पत्र के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने कहा कि संसद भवन में शिवसेना कार्यालय के लिए नामित कमरा पार्टी को आवंटित किया गया है।
EC ने शिंदे गुट को मूल शिवसेना के रूप में मान्यता दी
चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते शिंदे गुट को मूल शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी, साथ ही चुनावों में "धनुष और तीर" सिंबल का उपयोग करने की अनुमति भी दी थी। आयोग ने उद्धव ठाकरे को 1966 में स्थापित उनके पिता बाल ठाकरे की मूल पार्टी पर अधिकार देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद 18 फरवरी को शेवाले ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर पार्टी के लिए कार्यालय आवंटित करने की मांग की थी। अभी तक दोनों गुट संसद भवन स्थित शिवसेना कार्यालय का इस्तेमाल करते रहे हैं।
एकनाथ शिंदे ने धनुष-तीर चुनाव चिह्न भी हासिल किया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा पार्टी का नाम और धनुष-तीर चुनाव चिह्न हासिल करने के कुछ दिनों बाद शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करने की घोषणा के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। टीम शिंदे का शक्ति प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है जब उद्धव ठाकरे ने अपने पिता और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत का हवाला देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का दिल जीतने के लिए बयानबाजी तेज कर दी है।
पहली बैठक में विधायक, सांसद और कई नेता शामिल होंगे
चुनाव आयोग के इस बड़े आदेश के बाद पहली बैठक में विधायक, सांसद और शिवसेना के अन्य नेता शामिल होंगे। नई कार्यकारी समिति की नियुक्ति जैसे कुछ प्रमुख फैसलों की उम्मीद है। सीएम शिंदे बैठक को महत्वपूर्ण मान रहे हैं क्योंकि इससे उन्हें अपने समर्थन के आधार का आकलन करने में मदद मिलेगी। खासकर शिंदे पर उद्धव के लगातार हमलों के बाद उनके गुट को चोर करार दिया है। उद्धव का इरादा शिवसैनिकों की वफादारी को जीतना और पार्टी के संसाधनों को मजबूत करना है।
चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव
पार्टी के सदस्यों, पार्टी के नाम और सिंबल के नुकसान के बाद उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के विघटन की मांग की और शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और प्रतीक देने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख किया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। याचिका पर बुधवार को दोपहर 3.30 बजे सुनवाई होगी।
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