शिव ही ज्ञान है, ज्ञान ही शिव है, दुनिया को शांति के मार्ग दिखाएगा भारत, महाकाल की नगरी में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में 'श्री महाकाल लोक' कॉरिडोर का लोकार्पण किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है। अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (11 अक्टूबर) शाम को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में करीब 900 मीटर लंबे 'श्री महाकाल लोक' कॉरिडोर का लोकार्पण किया। उसके बाद उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है। अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है। जय महाकाल उज्जैन की ये ऊर्जा, ये उत्साह! अवंतिका की ये आभा, ये अद्भुतता, ये आनंद! महाकाल की ये महिमा, ये महात्म्या! 'महाकाल लोक' में लौकिक कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी तपस्या और आस्था से जब महाकाल प्रसन्न होते हैं तो उनके आशीर्वाद से ही ऐसे ही भव्य स्वरुप का निर्माण होता है। और महाकाल का जब आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं। उज्जैन के छण-छण में, पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है। कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है। उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का, और साहित्य का नेतृत्व किया है।
पीएम ने कहा कि किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम, विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो। उज्जैन वो नगर है, जो हमारी पवित्र सात पुरियों में से एक गिना जाता है। ये वो नगर है, जहां भगवान कृष्ण ने भी आकर शिक्षा ग्रहण की थी। उज्जैन ने महाराजा विक्रमादित्य का वो प्रताप देखा है, जिसने भारत के नए स्वर्णकाल की शुरुआत की थी। सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उत्तराखंड में बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ, बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंच प्राण का आहृवान किया है। इसलिए आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम भारत की संस्कृति का गौरव बढ़ा रहा है।
हमारे शास्त्रों में एक वाक्य है- शिवम् ज्ञानम्
इसका अर्थ है शिव ही ज्ञान है और ज्ञान ही शिव है।
शिव के दर्शन में ही ब्रह्मांण्ड का सर्वोच्च दर्शन है।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार चार धाम प्रोजेक्ट के जरिए, हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड से जुड़ने जो रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार करतारपुर साहिब खुला है। स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना से देशभर में हमारी आध्यात्मिक चेतना के ऐसे कितने ही केंद्रों का गौरव पुन: स्थापित हो रहा है। और अब इसी कड़ी में भव्य और अतिभव्य महाकाल लोक भी अतीत के गौरव के साथ, भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो चुका है।
पीएम मोदी नेक जो शिव 'सोयं भूति विभूषण:' हैं। अर्थात, भस्म को धारण करने वाले हैं, वो 'सर्वाधिप: सर्वदा' भी है। अर्थात, वो अनश्वर और अविनाशी भी हैं। इसलिए, जहां महाकाल हैं, वहां कालखंडों की सीमाएं नहीं हैं। महाकाल की शरण में विष में भी स्पंदन है। महाकाल के सानिध्य में अवसान से भी पुनर्जीवन है। यही हमारी सभ्यता का वो आध्यात्मिक आत्मविश्वास है, जिसके सामर्थ्य से भारत हजारों वर्षों से अमर बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि उज्जैन जैसे हमारे स्थान खगोलविज्ञान, एस्ट्रॉनॉमी से जुड़े शोधों के शीर्ष केंद्र रहे हैं। आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीतित कर रहा है। महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी। भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति के मार्ग प्रशस्त करेगी।
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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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