हिंदू पक्ष को झटका, वाराणसी कोर्ट के जज ने क्यों नहीं दिया ज्ञानवापी के 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग का आदेश?

Gyanvapi Masjid case: वाराणसी जिला कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद में परिसर में पाए जाने वाले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग (Carbon dating) और वैज्ञानिक जांच के आदेश नहीं दिए। जिला जज ने सुप्रीम कोर्ट फैसले का हवाला देते हुए इस मांग को खारिज कर दिया।

Gyanvapi Masjid case: वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार (14 अक्टूबर) को ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर में पाए जाने वाले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग (Carbon dating) और वैज्ञानिक जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दी। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान 'वजुखाना' के पास परिसर में एक 'शिवलिंग' (Shivling) पाया गया था, जिसे अदालत ने आदेश दिया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो ढांचा मिला वह एक 'फव्वारा' था। हिंदू पक्ष ने तब 22 सितंबर को एक आवेदन जमा किया था जिसमें उन्होंने शिवलिंग होने का दावा करने वाली वस्तु की कार्बन डेटिंग की मांग की थी। कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो पुरातात्विक वस्तुओं या पुरातात्विक खोजों की उम्र का पता लगाती है। हिंदू पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।

वाराणसी की जिला अदालत के जज ने क्या कहा?

वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश ने ज्ञानवापी के शिवलिंग को संरक्षित रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते कार्बन डेटिंग जांच नहीं होगी। जिला जज ने कहा कि जांच का आदेश देते तो शिवलिंग को नुकसान होता। सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश दिया था। जज ने कहा कि फैसले के मुताबिक कार्बन डेटिंग नहीं हो सकती है।

ज्ञानवापी में कार्बन डेटिंग क्यों?

'शिवलिंग' कितना पुराना है, पता चलेगा। त्रिशूल, खंडित मूर्तियां किस काल की बनी हैं। शिलालेख, दूसरे सबूतों का सच साबित होगा। मंदिर तोड़ने, मस्जिद बनने का समय पता चलेगा। ज्ञानवापी में मंदिर की प्रमाणिक पुष्टि होगी।

कार्बन डेटिंग किसकी हो सकती है?

पत्थर की कार्बन डेटिंग संभव नहीं है। सिर्फ कार्बनिक पदार्थों की कार्बन डेटिंग होती है। कोई भी सजीव वस्तु जिसके अंदर कार्बन हो। मृत वस्तु के बचे हुए अवशेष की गणना होती है। हड्डी, लकड़ी का कोयला, सीप, घोंघा का जांच होती है। इनके मृत होने के बाद कार्बन डेटिंग संभव है। खुदाई में मिली चीजों की कार्बन डेटिंग होती है।

क्या होती है कार्बन डेटिंग?

उम्र जांचने की तकनीक है। कार्बनिक पदार्थों के आधार पर गणना होती है। इस तकनीक से अनुमानित उम्र का पता चलता है। इसे एप्सोल्युट डेटिंग भी कहा जाता है। कई बार सही उम्र का अंदाजा नहीं लगाती है। वस्तु के वर्षों की सीमा का पता लगाया जाता है। कार्बन-बेस्ड चीजों की अनुमानित उम्र पता लगती है।

कार्बन डेटिंग से उम्र की गणना होती है। कार्बन के 3 रूप होते हैं- कार्बन 12, कार्बन 13, कार्बन 14, कार्बन 12 और 14 के बीच अनुपात निकालते हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद अब तक

  • 18 अगस्त 2021- 5 महिलाओं की श्रंगार गौरी की पूजा की याचिका
  • 26 अप्रैल 2022 - वाराणसी कोर्ट के ज्ञानवापी के सर्वे के आदेश हुआ। सर्वे के लिए अजय मिश्रा कोर्ट कमिश्नर नियुक्त हुए। 10 मई तक कोर्ट ने सर्वे की रिपोर्ट मांगी।
  • 6 मई 2022 - सभी पक्षों की मौजूदगी में सर्वे का काम शुरू हुआ।
  • 7 मई 2022 - कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठे।
  • 12 मई 2022 - सर्वे के लिए 2 और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए गए।
  • 16 मई 2022 - ज्ञानवापी के वजू खाने में शिवलिंग का दावा।
  • 16 मई 2022 - कोर्ट के आदेश पर वजूखाने को सील किया गया।
  • 19 मई 2022 - ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश।
  • 19 मई 2022 - श्रंगार गौरी में पूजा की याचिका को SC में चुनौती।
  • 20 मई 2022 - SC के आदेश, पहले वर्शिप एक्ट पर सुनवाई करें।
  • 12 सितंबर, 2022 - वाराणसी कोर्ट का फैसला, वर्शिप एक्ट लागू नहीं।
  • 22 सितंबर, 2022 - शिवलिंग आकृति की कर्बन डेटिंग की मांग
गौर हो कि 5 हिंदू पक्षों में से 4 ने कथित 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जो कि 'वजूखाना' के पास मस्जिद परिसर से अदालत-अनिवार्य वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान मिली थी। 'वजूखाना' एक छोटा जलाशय है जिसका उपयोग मुस्लिम नमाज अदा करने से पहले वजू (हाथ पैर धोने आदि) करने के लिए करते हैं।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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