श्रद्धा को मार आफताब ने फरमाया था आराम, 4 माह तक फ्रिज में रखे लाश के टुकड़े, यूं आया था ठिकाने लगाने का 'प्लान'
Times Now Navbharat Exclusive on Shraddha Murder Case: पूछताछ के दौरान आफताब की बातों और चेहरे से श्रद्धा के लिए किसी तरह का इमोशन नहीं दिखा। आफताब से जब भी श्रद्धा की हत्या को लेकर और उससे जुड़े सवाल किए गए तो वह एकदम आराम से जवाब देता था।
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हत्या के बाद अफताब बड़े ही ठंडे दिमाग से काम कर रहा था। फूंक-फूंक कर कदम रखने के साथ हर सबूत मिटा रहा था। श्रद्धा के शव को कहां और कैसे ठिकाने लगाना है?...वह हर समय यही सोचता रहता था। दोनों (श्रद्धा-अफताब) को हिमाचल प्रदेश से दिल्ली लाने वाले बद्री के छतरपुर में फ्लैट पर आफताब हत्या के बाद घूमने गया था। छत पर उसे वहां से छतरपुर का जंगल नजर (फ्लैट से जंगल बेहद करीब है) आया था। इसी बीच, उसके दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को वहीं ठिकाने लगाया जाए।
चूंकि, पूनावाला मुंबई के पांच सितारा होटल में शेफ (खानसामा) की नौकरी कर चुका था, लिहाजा उसे पता था कि किसी के कैसे टुकड़े किए जा सकते हैं। हालांकि, इस बार वह किसी जानवर के बजाय अपनी लिव-इन-पार्टनर के टुकड़े कर रहा था। आरी के अलावा कई धारदार हथियारों से उसने लाश के टुकड़े किए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद उसने इस आरी को गुरुग्राम (हरियाणा) में ऑफिस के पास फेंका था। दिल्ली पुलिस फिलहाल वह हथियार न ढूंढ पाई।
यही नहीं, पूछताछ के दौरान आफताब की बातों और चेहरे से श्रद्धा के लिए किसी तरह का इमोशन नहीं दिखा। आफताब से जब भी श्रद्धा की हत्या को लेकर और उससे जुड़े सवाल किए गए तो वह एकदम आराम से जवाब देता था। बेफिक्र होकर बताता रहा कि कैसे उसने श्रद्धा को मारा, कैसे बॉडी के टुकड़े किए और कैसे उसने एक-एक कर सबूत मिटाए...ये सब कुछ बताते हुए उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था।
अनुज मिश्रा की रिपोर्ट।
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