सिक्किम में तीस्ता नदी एक बार फिर मचा सकती है तबाही, अलर्ट जारी; जानें अब तक का 10 अपडेट
Sikkim Floods Update: सिक्किम में बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है। बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। 18 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 22 सैन्यकर्मियों सहित 98 लोग लापता हैं। वहीं प्रशासन ने एक बार फिर बड़ा अलर्ट जारी कर दिया है।
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, सिक्किम में अभी टला नहीं बाढ़ का खतरा।
Sikkim Flood News: सिक्किम में अभी बाढ़ का खतरा टला नहीं है। बताया जा रहा है कि तीस्ता नदी में फिर बाढ़ आ सकती है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है कि ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद मची तबाही में अब तक 18 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 98 लोग लापता हैं। सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम तीस्ता नदी के जलग्रहण क्षेत्र और उत्तर बंगाल के निचले हिस्से में दूसरे दिन भी लापता लोगों की तलाश में जुटी रहीं।
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, अभी टला नहीं बाढ़ का खतरा
सिक्किम में बाढ़ से मची तबाही को लेकर एक बार फिर प्रशासन ने बड़ा अलर्ट जारी किया है। सूत्रों के हवाले से ये दावा किया जा रहा है कि ये अलर्ट एक और ग्लेशियल झील शाकू चू के लिए है। सैटेलाइट डाटा के आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि पानी के ओवरफ्लो से झील फट सकती है। अगर ऐसा होता है तो तीस्ता में आई बाढ़ एक बार फिर तबाही मचा सकती है। सिक्किम बाढ़ से तबाही और खराब मौसम को देखते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को 15 अक्टूबर तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। आपको सिक्किम में मची तबाही से जुड़े 10 अपडेट्स बताते हैं।
- मुख्य सचिव वी बी पाठक ने कहा कि उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील में बुधवार तड़के अचानक आई बाढ़ की त्रासदी में अब तक 18 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 22 सैन्यकर्मियों सहित 98 लोग लापता हैं। पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बयान में कहा कि 18 शवों में से चार की पहचान ‘जवानों’ के रूप में की गई है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वे लापता 22 जवानों में से चार के शव हैं।
- अधिकारियों ने बताया कि घायल हुए 26 लोग सिक्किम के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने एक बुलेटिन में बताया कि आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है, जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
- पाठक ने कहा कि उन्हें सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने सूचित किया कि उत्तरी सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटक सुरक्षित हैं। अनुमान के मुताबिक, विदेशी नागरिकों सहित 3,000 से अधिक पर्यटक सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। पाठक ने कहा कि सेना ने अपनी दूरसंचार सेवा सक्रिय की और कई पर्यटकों को उनके चिंतित परिवार के सदस्यों से बात करायी। उन्होंने कहा कि फंसे हुए पर्यटकों को निकालना प्राथमिकता है और उन्हें मंगन तक हवाई मार्ग से ले जाने का निर्णय लिया गया है, जहां से उन्हें सड़क मार्ग से सिक्किम लाया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा, 'अगर मौसम अच्छा रहा तो लाचेन और लाचुंग में फंसे पर्यटकों को कल से निकाला जाएगा।'
- उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना और सेना के हेलीकॉप्टर लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार थे, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं कर सके। उत्तरी सिक्किम में स्थानीय लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनडीआरएफ की प्लाटून भी तैयार हैं।
- अधिकारियों ने बताया कि लापता 22 सैन्यकर्मियों की तलाश निचले इलाकों में ध्यान केंद्रित करते हुए की जा रही है क्योंकि संभावना है कि पानी का तेज बहाव उन्हें नीचे की ओर ले गया होगा।
- तीस्ता नदी में उफान से बुरी तरह प्रभावित सिंगताम शहर की स्थिति का जिक्र करते हुए पाठक ने कहा कि पास के औद्योगिक क्षेत्र सिंगताम और आईबीएम में पानी और बिजली के बुनियादी ढांचे की बहाली पूरी हो चुकी है।
- मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने आपदा में सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक सिंगताम का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने का आग्रह करते हुए आश्वासन दिया कि सरकार उनके पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारे समर्पित बचाव दल इस आपदा से पैदा हुई समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। मैं प्रशासन, स्थानीय अधिकारियों, सभी संगठनों तथा व्यक्तियों से एकजुटता और सहयोग की भावना से हाथ मिलाने का आग्रह करता हूं।'
- उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में जल जमा हो गया जो चुंगथांग बांध की ओर बह निकला। जल के तेज बहाव ने बिजली संयंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आवश्यक सहयोग मांगा है, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जहां तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
- बाढ़ से राज्य में 11 पुल बह गए, जिसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल भी शामिल हैं। वहीं, नामचि में दो और गंगटोक में एक पुल बह गया। राज्य के चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइन और कच्चे एवं पक्के 277 घर क्षतिग्रस्त हो गए। कोलकाता में पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बयान में कहा, 'अठारह शव बरामद किए गए हैं। जिनमें से छह शवों-चार जवानों और दो नागरिकों की पहचान कर ली गई है। बाकी की पहचान की प्रक्रिया जारी है।'
- चुंगथांग शहर में बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ है जिसमें इसका 80 प्रतिशत हिस्सा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राज्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण राजमार्ग संख्या-10 के कई हिस्सों को भी क्षति पहुंची है। मंगन जिले में इस आपदा से लगभग 10,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि पाकयोंग में 6,895, नामचि में 2,579 और गंगटोक में 2,570 लोग प्रभावित हुए हैं।
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