सिलक्यारा सुरंग: 40 मजदूरों के बाहर आने का इंतजार हुआ लंबा, 'एस्केप टनल' ही बचाएगी जान
चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा ढह गया था और तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं।
सिलक्यारा सुरंग
Silkyara Tunnel: यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले चार दिनों से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने का इंतजार बढ़ता ही जा रा है। इन्हें बचाने के लिए बड़े व्यास के स्टील पाइपों से एस्केप टनल तैयार किए जा रहे हैं। अब अधिक क्षमता की अमेरिकी ऑगर मशीन से फिर ड्रिलिंग शुरू कर मलबे को हटाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि सुरंग के अंदर ड्रिलिंग उपकरणों को लगभग स्थापित किया जा चुका है और जल्द ही ड्रिलिंग फिर शुरू कर दी जाएगी। एनएचआईडीसीएल की ओर से सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी जीएल नाथ ने सुबह करीब आठ बजे कहा कि मशीन को स्थापित किए जाने का लगभग 95 प्रतिशत काम हो चुका है और अब से एक—डेढ़ घंटे में ड्रिलिंग का काम शुरू हो जाएगा ।
लगाई गई नई ड्रिलिंग मशीन
नई ड्रिलिंग मशीन स्थापित करने की प्रक्रिया बुधवार रात 11 बजे शुरू की गई थी। नाथ ने उम्मीद जाहिर की कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को जल्द ही सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि सभी श्रमिक स्वस्थ हैं और उन्हें हर आधा घंटे में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है । इससे पहले मंगलवार देर रात मलबे में ड्रिलिंग के दौरान ताजा भूस्खलन होने व मिट्टी गिरने से काम को बीच में रोकना पड़ा था । बाद में ऑगर मशीन भी खराब हो गयी थी । इसके बाद भारतीय वायु सेना के हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी अत्याधुनिक ऑगर मशीन दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गयी जिससे अब दोबारा ड्रिलिंग शुरू की जाएगी।
मजदूरों के बाहर आने का इंतजार हुआ लंबा
बचाव कार्य में आई बाधा के चलते सुरंग में फंसे श्रमिकों का बाहर आने का इंतजार लंबा होता जा रहा है । प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने सोमवार को मंगलवार रात या बुधवार सुबह तक श्रमिकों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद जाहिर की थी। बाद में, 900 मिमी व्यास के पाइपों के जरिए 'एस्केप टनल' बनाकर मजदूरों को बाहर निकालने की नई योजना सामने आने के बाद उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने मंगलवार को कहा था कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो बुधवार दिन तक श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा। उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएस पंवार ने कहा कि सुरंग के पास एक छह बिस्तरों का अस्थाई चिकित्सालय तैयार कर लिया गया है । उन्होंने बताया कि इसके अलावा मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ मेडिकल टीमें भी तैनात हैं जिससे श्रमिकों को बाहर निकलने पर उन्हें तत्काल चिकित्सीय मदद दी जा सके।
सुरंग का 30 मीटर का हिस्सा ढह गया
चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा ढह गया था और तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए युद्वस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया जा रहा है । राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सड़क संगठन के 160 बचावकर्मियों का दल दिन रात बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। उधर, केंद्रीय नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान का निरीक्षण किया। (Bhasha Input)
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