स्कैमर्स ने किया धोखाधड़ी का नया तरीका ईजाद, अब सिम बॉक्स के जरिए ठगी को अंजाम

एक सिम बॉक्स में 20 से 500 सिम कार्ड तक लग सकते हैं और से वॉयस ओवर प्रोटोकॉल (VoIP) गेटवे को सपोर्ट करता है। इससे कोई भी ऑपरेटर इंटरनेशनल कॉल को लोकल जीएसएम कॉल में बदल सकता है।

सिम बॉक्स के जरिए ठगी

ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले लोगों के ठगने के रोज नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। इन लोगों ने अब मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क का ही डुप्लीकेट तैयार करके धोखाधड़ी को अंजाम देने शुरू कर दिया है। इसके लिए ये सिम बॉक्स टूल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है जिससे इंटरनेशनल कॉल भी लोकल कॉल नजर आती है। इसके जरिए घोटालेबाज ठगी और स्मिशिंग स्कैम (smishing scams) यानी मैसेज के जरिए धोखाधड़ी कर रहे हैं।

सिम बॉक्स बने कानूनी एजेंसियों के लिए चुनौती

टेलीकॉम कंपनियों के सिम बॉक्स अब कानूनी एजेंसियों के लिए चुनौती बन गए हैं। अहमदाबाद सिटी पुलिस को ही चार ऐसे मामलों से जूझना पड़ा है जिसमें धोखाधड़ी में सिम बॉक्स का इस्तेमाल हुआ था। सितंबर 2020 में पुलिस ने साबरमती रिवर फ्रंट से दो युवकों को पोर्टेबल सिम बॉक्स के साथ गिरफ्तार किया था जिसमें लीज लाइन की जरूरत नहीं पड़ती थी। उन्होंने इसे अपने स्कूटर पर इंस्टॉल किया था और स्पैम कॉल कर रहे थे।

इंटरनेशनल कॉल में नजर आता है लोकल नंबर

एक सिम बॉक्स में 20 से 500 सिम कार्ड तक लग सकते हैं और से वॉयस ओवर प्रोटोकॉल (VoIP) गेटवे को सपोर्ट करता है। इससे कोई भी ऑपरेटर इंटरनेशनल कॉल रेट को लोकल जीएसएम कॉल में बदल सकता है। इसमें VoIP का इस्तेमाल होता है। इसे ऐसे समझें, अगर कोई व्यक्ति लंदन से करता है और इसे सिम बॉक्स के जरिए आगे बढ़ाया जाता है तो आपको फोन पर गुजरात का नंबर नजर आएगा जो 98250.....से शुरू होता है। आपको मोबाइल पर लंदन का +44 कोड नहीं दिखेगा।
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