Joshimath: जमीन से जगह-जगह फूटी पानी की धार, घरों और खेतों में चौड़ी हुई दरारें; जोशीमठ में बड़ी तबाही की आहट!
Joshimath Latest News: जोशीमठ में भू-धंसाव विकराल रूप ले रहा है और घरों में दरारें चौड़ी होने के बाद कई परिवार हुए शिफ्ट हो गए हैं। कुछ लोगों को खुले आसमान के नीचे रात ठंड में आग जलाकर रात बितानी पड़ी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या शंकराचार्य की तपस्थली का अस्तित्व खत्म हो जाएगा ?
जोशीमठ में लगातार भयावह होते जा रहे हैं हालात
Joshimath Latest News: देवभूमि में दस्तक दे रही बड़़े खतरे की आहट की, जो चमोली जिले (Chamoli) के जोशीमठ में किसी टाइम बम की तरह टिक-टिक कर रही है। जी हां, जोशीमठ में तबाही ने ऐसी दस्तक दी है कि घर के घर दरक रहे हैं, सड़कें धंस जा रही है..और जमीन से जगह-जगह पानी की धार फूट रही है। भू-धंसाव ने अब विकराल रूप ले लिया है और डरावने मंजर के बीच लोग पलायन कर रहे हैं जो रह गए हैं वो सरकार से पुनर्वास की गुहार लगा रहे हैं। भारत-चीन सीमा पर 20 हजार की आबादी और लगभग इतनी ही आबादी की सैन्य छावनी वाला शहर जोशीमठ धंसता जा रहा है। धंसते घरों की वजह से दर्जनों लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है। बुधवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी, स्थानीय विधायक के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) से देहरादून में मुलाकात की और हालात की जानकारी दी।
भयावह हैं हालात
जोशीमठ के हालात कुछ ऐसे हैं कि मकान धंस रहे हैं, उनकी दीवारों में दरारें आ रही हैं। सड़कें भी धंस रही हैं मंजर ऐसा है कि मानो ज्वालामुखी फटा हो। जमीन से पानी का तेजी से रिसाव हो रहा है। पानी ऐसे निकल रहा है मानो यहां भारी बारिश हुई हो। बड़ी तबाही की आहट से डरे लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। जो लोग रह भी रहे हैं वो हाड़ कंपाती सर्दी में रतजगा करने को मजबूर हैं।धंसते शहर की ये तस्वीरें उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ की हैं जहां हालात डरावने हो चुके हैं लोगों की जान पर बन आई है।
सैकड़ों मकानों पर संकट
जोशीमठ में अब चौतरफा खतरा मंडरा रहा है होटल और मकान तिरछे होकर एक दूसरे के सहारे टिके हुए हैं। घरों से लेकर सड़कों और खेतों में दरारें है। हाई टेंशन लाइन के खंभे भी तिरछे हो चुके हैं। सबसे ज्यादा हड़कंप मचा है जोशीमठ के मारवाड़ी वार्ड और जेपी पावर प्रोजेक्ट कॉलोनी में जहां करीब 600 से ज्यादा मकान खतरे की जद में आ चुके हैं। जिला आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक प्रभावित घरों के सर्वे का काम जारी है और 20 जनवरी तक इसे पूरा किया जाना है। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया भी जा चुका है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस पर नजर बनाए हुए हैं।
अस्तित्व पर संकट
जोशीमठ में पिछले साल नवंबर में जमीन धंसने से घरों में दरारें आने की घटनाएं सामने आई थीं लेकिन अब यहां धरती फाड़कर जगह-जगह से पानी निकलने लगा है जिससे पूरा जोशीमठ सहमा हुआ है। यहां रहने वालों की नींद उड़ी हुई है लोगों की जुबान पर एक ही सवाल है कि क्या यहां बड़ी आपदा आने वाली है..क्या जोशीमठ के अस्तित्व पर संकट है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जोशीमठ को भू-धंसाव से बचाने के लिए यहां बड़े निर्माण कार्य रोक देने चाहिए लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया और नतीजा सामने है। फिलहाल दरकते घर, धंसती जमीन के बीच यहां रह रहे लोगों के पुनर्वास का बड़ा सवाल बना हुआ है।
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