Sisodia Security Row: आखिर किसके हाथ में है तिहाड़ जेल का कंट्रोल, क्यों छिड़ा आप-बीजेपी में संग्राम?
आप का कहना है कि सिसोदिया को तिहाड़ की जेल नंबर 1 में हत्या के कई मामलों के आरोपी बेहद खूंखार अपराधियों के साथ रखा गया है, इसके बाद से आप और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया।
तिहाड़ का प्रशासन किसके हाथ?
Sisodia Tihar Jail Security Row: आबकारी नीति में कथित घोटाले को लेकर दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इन दिनों तिहाड़ जेल में हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर विवाद गहराया हुआ है और आप-बीजेपी के बीच वार-पलटवार का खेल जारी है। तिहाड़ जेल को लेकर विवाद पहली बार नहीं हुआ है। सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर तिहाड़ जेल का कंट्रोल किसके हाथ में है।
तिहाड़ जेल से सत्येंद्र जैन का सीसीटीवी फुटेज लीक
पिछले साल दिल्ली के तिहाड़ जेल परिसर से सीसीटीवी फुटेज लीक हो गया था, जिसमें आप नेता और दिल्ली के तत्कालीन जेल मंत्री को पैरों की मालिश कराते हुए दिखाया गया था। भाजपा ने आरोप लगाया कि जैन को वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है और दिल्ली में आप सरकार, जिसके अधिकार क्षेत्र में जेल विभाग आता है, वह सत्ता के दुरुपयोग की दोषी है। आप ने जवाब में कहा कि डॉक्टरों की सलाह के अनुसार जैन सिर्फ फिजियोथेरेपी करा रहे थे और भाजपा उनके खराब सेहत का मजाक उड़ा रही है। फिर रिपोर्ट आई कि मालिश करने वाला फिजियोथेरेपिस्ट नहीं था, वह एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद था। आरोपों का सिलसिला चलता रहा।
जैन को कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था। उन्हें जमानत नहीं मिली है। पिछले महीने सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसके कारण उन्हें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। जैन के जेल जाने के बाद सिसोदिया को कारागार विभाग मिला था, अब उनके जेल जाने और इस्तीफा देने से उनके विभागों को किसी और को सौंपा गया है। आप का आरोप है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चाहती है कि सिसोदिया की तिहाड़ जेल में हत्या कर दी जाए ताकि दिल्ली में अपनी चुनावी हार का बदला लिया जा सके।
आप का आरोप
आप का कहना है कि सिसोदिया को तिहाड़ की जेल नंबर 1 में हत्या के कई मामलों के आरोपी बेहद खूंखार अपराधियों के साथ रखा गया है, जिनमें से कुछ मानसिक रूप से ठीक नहीं हैं। अगर वे किसी के कहने पर एक और हत्या कर दें तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पार्टी का कहना है कि अपने पहले अदालती मुकदमे का सामना कर रहे किसी कैदी को कभी भी जेल नंबर 1 में नहीं रखा जाता है। सिसोदिया पहली बार विचाराधीन कैदी हैं, लेकिन उन्हें भीषण अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए लोगों के साथ जगह साझा करने के लिए मजबूर किया गया है।
वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को बेतुका बताते हुए कहा कि तिहाड़ जेल परिसर दिल्ली में आप सरकार के अधीन आता है। भाजपा और आप दोनों ने एक-दूसरे पर तिहाड़ जेल परिसर में मौजूद शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
तिहाड़ का प्रशासन किसके हाथ?
तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर तिहाड़ जेल का कंट्रोल किसके पास है। यह एक मुश्किल सवाल है। इसे यूं समझते हैं। दिल्ली का तिहाड़ दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा जेल परिसर है, जिसमें नौ जेलें हैं। दिल्ली में दो अन्य जेल परिसर हैं। रोहिणी में एक जेल है, जबकि मंडोली में छह हैं।
उच्च सुरक्षा वाला यह जेल परिसर पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में स्थित है, जो तिहाड़ गांव से लगभग तीन किमी दूर है। शुरुआत में पंजाब इन जेलों को चलाता था, जिसका नियंत्रण 1966 में दिल्ली को सौंप दिया गया था। तब आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने जेल महानिरीक्षक के रूप में तिहाड़ में कई जेल सुधारों की नींव रखी थी।
तो सवाल उठता है कि तिहाड़ का नियंत्रण किसका हाथ में है। जेल विभाग दिल्ली सरकार के अधीन आता है। दिल्ली सरकार की वेबसाइट कहती है कि उसके कारागार विभाग का काम कैदियों को सुरक्षित हिरासत प्रदान करना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें बुनियादी न्यूनतम सुविधाएं मिलें। विभाग का कहना है कि वह जेल परिसर में सजा काट रहे कैदियों के सुधार और पुनर्वास को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है। हालांकि इस जेल की स्वीकृत संख्या 10,000 है जबकि यहां 20,000 कैदियों को रखा जाता है।
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अमित कुमार मंडल author
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