भाई की मौत पर अनुकंपा के आधार पर बहन को नहीं मिल सकती नौकरी, हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

अपीलकर्ता ने एकल न्यायाधीश पीठ के 30 मार्च, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की मांग वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी।

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कर्नाटक हाई कोर्ट का अहम फैसला

तस्वीर साभार : भाषा

Karnataka High Court: कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति के निधन पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी मांगने वाली उसकी बहन की दलील को खारिज करते हुए कहा कि बहन अपने भाई के परिवार की परिभाषा में शामिल नहीं है। मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की पीठ तुमकुरु निवासी 29 वर्षीय पल्लवी जीएम द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने दिया ये तर्क

अदालत ने कहा, व्याख्या की प्रक्रिया के माध्यम से अदालत किसी वैधानिक परिभाषा की रूपरेखा का विस्तार नहीं कर सकती हैं। जब नियम निर्माता ने इतने सारे शब्दों में व्यक्तियों को किसी कर्मचारी के परिवार के सदस्यों के रूप में निर्दिष्ट किया है, तो हम परिवार की परिभाषा में एक को जोड़ नहीं सकते हैं या किसी को हटा नहीं सकते हैं। इसके विपरीत कोई तर्क, अगर स्वीकार कर लिया जाता है, तो नियम को फिर से लिखने जैसा होगा, और इसलिए, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

ड्यूटी के दौरान भाई की हुई थी मौत

अपीलकर्ता ने एकल न्यायाधीश पीठ के 30 मार्च, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की मांग वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। उसका भाई, जो राज्य विद्युत पारेषण कंपनी बीईएससीओएम में कार्यरत था, उसकी कार्यस्थल पर मृत्यु हो गई थी। उसके वकील ने तर्क दिया कि वह अपने भाई पर निर्भर थी और इसलिए उसके परिवार की सदस्य थी और ऐसे में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए पात्र थी। बीईएससीओएम ने हालांकि महिला की दावेदारी का विरोध किया था। (Bhasha)

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