सीताराम येचुरी के निधन से राजनीतिक गलियारे में पसरा मातम, राहुल-अखिलेश समेत इन नेताओं ने जताया शोक

Rection on Sitaram Yechury's death: माकपा नेता सीताराम येचुरी ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। येचुरी के निधन से सियासी गलियारों में मातम पसर गया है। राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने शोक जताया है। राहुल ने कहा है कि येचुरी 'आइडिया ऑफ इंडिया' के संरक्षक थे।

Reactions on Sitaram Yechury's Death

सीताराम येचुरी के निधन पर किसने क्या कहा।

Sitaram Yechury News: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर दुख जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि येचुरी देश के बारे में गहरी समझ रखने वाले और भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) के संरक्षक थे। येचुरी का बृहस्पतिवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे।

'आइडिया ऑफ इंडिया' के संरक्षक थे येचुरी: राहुल

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सीताराम येचुरी जी मित्र थे। हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले और भारत की अवधारणा के संरक्षक थे। मुझे हमारे बीच होने वाली लंबी चर्चाओं की कमी खलेगी। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने येचुरी के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘‘सीताराम येचुरी एक बहुत अच्छे इंसान, बहुभाषी, व्यावहारिक प्रवृत्ति वाले धुर मार्क्सवादी, माकपा के एक स्तंभ और विलक्षण बौद्धिक क्षमता व हास्यबोध वाले एक शानदार सांसद थे। वह अब नहीं रहे।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमारा तीन दशकों का साथ रहा। हमने विभिन्न अवसरों पर निकटता से एक-दूसरे का सहयोग किया। हर राजनीतिक दल में उनके मित्र थे और दृढ़ विश्वास तथा आकर्षक व्यक्तित्व के लिए उनकी प्रशंसा की जाती थी।’’ रमेश ने कहा, ‘‘सलाम तोवरिश (कॉमरेड)। आपने हमें बहुत पहले ही छोड़ दिया, लेकिन आपने सार्वजनिक जीवन को बहुत समृद्ध किया और इसे कभी भुलाया नहीं जाएगा।’’

अखिलेश यादव ने येचुरी के निधन पर जताया शोक

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि देश के वरिष्ठ राजनेता एवं सीपीएम के महासचिव श्री सीताराम येचुरी जी का निधन, अत्यंत दुःखद! इश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो। भावभीनी श्रद्धांजलि!
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एनी राजा और डी राजा पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी के निधन के बाद दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे। सीपीआई (एम) की ओर से बयान में बताया गया है कि आज नई दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया। वे श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित थे, जिसके कारण जटिलताएं उत्पन्न हो गई थीं।
सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद डॉ. वी. शिवदासन ने कहा, "उन्होंने समाज के वंचितों के लिए लड़ाई लड़ी। उनका निधन बहुत दुखद है।"
सीताराम येचुरी के निधन पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "सीताराम येचुरी का योगदान केवल पार्टी में ही नहीं, बल्कि पूरे देश की राजनीति में था। उन्हें न केवल उनकी पार्टी बल्कि पूरा देश याद करेगा। वे अपनी विचारधारा पर अडिग थे, लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाना नहीं जानते थे। एक शानदार वक्ता, एक शानदार सांसद और एक बेहतरीन इंसान। उन्हें सभी याद करेंगे। हम सीताराम येचुरी को कभी नहीं भूलेंगे।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी का बृहस्पतिवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। येचुरी 72 वर्ष के थे। उनकी हालत पिछले कुछ दिन से गंभीर बनी हुई थी और उन्हें कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया था। सूत्रों के अनुसार येचुरी का निधन अपराह्न तीन बजकर पांच मिनट पर हुआ। येचुरी को सीने में निमोनिया जैसे संक्रमण के उपचार के लिए 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।
राजनीति में उनका सफर ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) से शुरू हुआ था। वह 1984 में माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य बने थे जबकि 1992 में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए। वह 2005 से 2017 तक 12 वर्ष तक राज्यसभा सदस्य रहे। वह 19 अप्रैल 2015 को विशाखापत्तनम में पार्टी के 21वें अधिवेशन में माकपा के पांचवें महासचिव बने और उन्होंने प्रकाश करात से उस समय पदभार संभाला था। उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के राजनीतिक मार्गदर्शकों से एक माना जाता था।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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