Vikram 1: नीले रंग वाले इस विक्रम-1 की हो रही चर्चा, जनवरी में लॉन्च की तैयारी, जानिए क्यों है खास

Vikram 1 Rocket : विक्रम-1 स्टार्टअप स्काईरूट का दूसरा रॉकेट है। इसके पहले पिछले साल 18 नवंबर को वह विक्रम-एस रॉकेट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर चुका है। इस सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के श्री हरिकोटा लॉन्च पैड से रॉकेट छोड़ने वाला स्काईरूट देश का पहला निजी स्टार्टअप बन गया। बता दें कि स्काईरूट की शुरुआत आईआईटी के दो लोगों ने की।

vikram 1 rocket

विक्रम-1 रॉकेट को जनवरी 2024 में छोड़ने की योजना।

Vikram 1 Rocket : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (ISRO) अंतरिक्ष के क्षेत्र में आए दिन नए-नए कीर्तमान तो रच ही रही है। स्पेस में कीर्तिमान बनाने में स्वदेशी स्टार्टअप भी पीछे नहीं हैं। इन दिनों नीले रंग वाले विक्रम-1 रॉकेट की चर्चा होने लगी है। दरअसल, स्टार्ट अप स्कॉईरूट एयरोस्पेस ने मंगलवार को अपने स्वदेश निर्मित विक्रम-1 रॉकेट पेश किया। यह रॉकेट अगले साल उपग्रहों को धरती की निचली कक्षा में पहुंचाएगा।

मल्टी स्टेज लॉन्च वेहिकल विक्रम-1

विक्रम-1 का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। विक्रम-1 एक मल्टी स्टेज लॉन्च वेहिकल है और इसकी क्षमता 300 किलोग्राम के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने की है। यह कॉर्बन फाइबर से निर्मित रॉकेट है जो कि कई उपग्रहों को कक्षा में पहुंचा सकता है। इसमें 3डी प्रिंटेड लिक्विड इंजन लगा है। स्काईरूट की योजना 2024 की शुरुआत में इस रॉकेट को छोड़ने की है।

स्काईरूट का दूसरा रॉकेट

विक्रम-1 स्टार्टअप स्काईरूट का दूसरा रॉकेट है। इसके पहले पिछले साल 18 नवंबर को वह विक्रम-एस रॉकेट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर चुका है। इस सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के श्री हरिकोटा लॉन्च पैड से रॉकेट छोड़ने वाला स्काईरूट देश का पहला निजी स्टार्टअप बन गया। बता दें कि स्काईरूट की शुरुआत आईआईटी के दो लोगों पवन चंदना और नगा भारत डाका ने की। अब यह कंपनी मांग के अनुरूप कम लागत वाले रॉकेट बनाने की क्षमता हासिल कर चुकी है।

जितेंद्र सिंह ने किया स्काईरूट मुख्यालय का दौरा

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह ने दक्षिण हैदराबाद के ममीडिपल्ली में जीएमआर एयरोस्पेस और इंडस्ट्रियल पार्क में स्टार्ट-अप के नये मुख्यालय 'द मैक्स-क्यू कैंपस' का भी उद्घाटन किया। सिंह ने 60,000 वर्ग फुट में फैले स्काईरूट मुख्यालय का दौरा किया, और इसे देश के सबसे बड़े निजी रॉकेट विकास सुविधा केंद्र के रूप में पेश किया। स्काईरूट के नए मुख्यालय में अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के निर्माण के लिए एकीकृत डिजाइन, विनिर्माण और परीक्षण सुविधाएं तथा 300 कर्मियों का मजबूत कार्यबल है।

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