क्या संसद में 'वंदे मातरम' के लगाने चाहिए नारे? सत्र से पहले जान लें नियम

Parliament Session: संसद सत्र सोमवार से शुरू होने से पहले सांसदों को याद दिलाया गया है कि सभापति के निर्णयों की सदन के अंदर या बाहर सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से आलोचना नहीं की जानी चाहिए। बता दें कि संसद सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 12 अगस्त को संपन्न होगा।

संसद (फाइल फोटो)

मुख्य बातें
  • 22 जुलाई से शुरू हो रहा है संसद सत्र।
  • राज्यसभा सचिवालय ने सांसदों को याद दिलाए नियम।
  • सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन नहीं है अनुमति।
Parliament Session: संसद सत्र सोमवार से शुरू होने से पहले सांसदों को याद दिलाया गया है कि सभापति के निर्णयों की सदन के अंदर या बाहर सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से आलोचना नहीं की जानी चाहिए और सदस्यों को ‘वंदे मातरम’ व ‘जय हिंद’ सहित अन्य नारे नहीं लगाने चाहिए। सदस्यों को यह भी याद दिलाया गया है कि सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने की भी नियम अनुमति नहीं देते।

कब तक चलेगा सत्र?

राज्यसभा सचिवालय ने ‘राज्यसभा सदस्यों के लिए पुस्तिका’ के कुछ अंश को 15 जुलाई को अपने बुलेटिन में प्रकाशित कर संसदीय परंपराओं और संसदीय शिष्टाचार के प्रति सदस्यों का ध्यान आकृष्ट किया है। संसद सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 12 अगस्त को संपन्न होगा।

क्या सदन में लगा सकते हैं नारे?

बुलेटिन में कहा गया है कि सदन की कार्यवाही की गरिमा और गंभीरता के लिए यह आवश्यक है कि सदन में ‘धन्यवाद’, ‘आपका शुक्रिया’, ‘जय हिंद’, ‘वंदे मातरम’ या अन्य कोई नारा नहीं लगाया जाना चाहिए।
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