स्मॉग का पहरा हुआ कम, दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार, खुल कर ले सकते हैं सांस
दिसंबर के महीने में दिल्ली और एनसीआर के लोग जहरीला हवा से परेशान हो जाते हैं। लेकिन इस दफा थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही है।
दिल्ली-एनसीआर की एयर क्वॉलिटी में सुधार
सर्दियों के दिनों दिल्ली और एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर कुछ अधिक ही रहता है। लेकिन तेज हवा की वजह से प्रदूषण के स्तर में कमी आई है। इसका मतलब ये कि आप खुलकर सांस ले सकते हैं। दिल्ली का एक्यूआई इस समय 133 जोकि मॉडरेट कैटिगरी में है। सीएसई के डेटा के मुताबिक दिसंबर के 13 दिन बीत चुके हैं और इन दिनों में किसी भी दिन गंभीर श्रेणी में स्मॉग नहीं दर्ज किया गया है। अच्छी बात यह है कि दिल्ली के करीब करीब सभी इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहतर हुई है। बता दें कि ग्रेप की तीसरी श्रेणी के तहत पाबंदियों को हटाया गया है हालांकि ग्रेप-2 में पाबंदियां लागू हैं।
एक्यूआई में कमी
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली और एनसीआर में वायु की गुणवत्ता औसतन 142 के करीब रही है। अगर 2018 से इसकी तुलना करें तो 18 फीसद की कमी और 2016 की अपेक्षा करीह 37 फीसद की कमी है। 2016 का साल इस मायने में खराब साबित हुआ क्योंकि अक्टूबर और नवंबर के महीने में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब थी। जानकारों का कहना है कि दिल्ली और केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर जमीन पर नजर आ रहा है लेकिन इस दिशा में अभी और कुछ करने की जरूरत है।
क्या कहते हैं लोग
दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लोगों का क्या कहना है कि इसे भी जानने की आवश्यकता है। रोहिणी में रहने वाले राजेश कहते हैं कि उन्हें याद आता है कि 2017 और 2018 में दिसंबर के महीने में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता था। आंखों में जलन, खांसी, सर्दी का भी सामना करना पड़ा था हालांकि इस दफा परेशानी थोड़ी कम हुई है। कुछ इसी तरह का विचार ग्रेटर नोएडा की रहने वाली भूमि का भी है। भूमि बताती हैं पहले आसमां में सिर्फ और सिर्फ धुआं नजर आता था। लेकिन इस दफा दिसंबर के महीने में कम से कम नीला आसमां तो नजर आ रहा है।
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