JDU के ऑफिस में कोई दे गया 1-1 करोड़ के 10 इलेक्टोरल बॉन्ड, नीतीश की पार्टी बोली- कौन दिया पता नहीं
JDU Electoral Bonds: बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा दी गई जानकारी से पता चला कि उसे कुल 24 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड मिले हैं।
जदयू को इलेक्टोरल बॉन्ड से कितने पैसे मिले
- निर्वाचन आयोग ने रविवार को जैसे ही विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सौंपी गई सीलबंद जानकारी का खुलासा किया
- नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को कुल 24 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड मिले हैं
- जनता दल यूनाइटेड को मिला 10 करोड़ का गुप्त दान
JDU Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े सामने आने के बाद एक से एक दिलचस्प जानकारी सामने आई है। बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू ने कहा कि उसकी पार्टी की ऑफिस में आकर कोई 1-1 करोड़ का 10 बॉन्ड देकर गया था। वो व्यक्ति कौन था, इसकी जानकारी पार्टी को नहीं है। हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी ने इसे जरूर भूना लिया।
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जदयू को किसने दिया इलेक्टोरल बॉन्ड
निर्वाचन आयोग ने रविवार को जैसे ही विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सौंपी गई सीलबंद जानकारी का खुलासा किया, बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा दी गई जानकारी से पता चला कि उसे कुल 24 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड मिले हैं। पार्टी ने क्रमशः एक करोड़ रुपये और दो करोड़ रुपये के बॉन्ड के दानदाताओं के रूप में भारती एयरटेल और श्री सीमेंट के नामों का भी खुलासा किया। एक अन्य जानकारी में जदयू ने इन बॉन्ड के माध्यम से कुल 24.4 करोड़ रुपये के दान का खुलासा किया, जिनमें से कई हैदराबाद और कोलकाता में स्थित एसबीआई की शाखाओं से जारी किए गए थे, और कुछ पटना में जारी किए गए थे।
जदयू को गुप्त दान में मिले इलेक्टोरल बॉन्ड
हालांकि, सबसे दिलचस्प जानकारी पार्टी के बिहार कार्यालय द्वारा दी गई जिसमें कहा गया था कि उसे तीन अप्रैल, 2019 को उसके पटना कार्यालय में प्राप्त बॉन्ड के दानदाताओं के विवरण के बारे में जानकारी नहीं है और न ही उसने जानने की कोशिश की क्योंकि उस समय उच्चतम न्यायालय का कोई आदेश नहीं था। जदयू ने कहा- “कोई व्यक्ति तीन अप्रैल, 2019 को पटना स्थित हमारे कार्यालय में आया और एक सीलबंद लिफाफा सौंपा। जब इसे खोला गया तो हमें चुनावी बॉन्ड मिले। लिफाफे में एक-एक करोड़ रुपये के 10 बॉन्ड थे। भारत सरकार की गजट अधिसूचना के अनुसार, हमने पटना स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा में एक खाता खोला और इसे जमा किया। इसके बाद 10 अप्रैल, 2019 को हमारी पार्टी के खाते में यह राशि जमा की गई। इस स्थिति को देखते हुए, हम दानदाताओं के बारे में अधिक जानकारी देने में असमर्थ हैं।''
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